इम्तियाजुर्रहमान ने कहा- भारत को तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए म्यूचुअल फंड में 75 प्रतिशत लोगों की भागीदारी जरूरी
यूटीआइ म्यूचुअल फंड के सीइओ इम्तियाजुर्रहमान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को शताब्दी वर्ष में विकसित देश बनाने और 2030 तक तीसरी सबसे ब ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, वाराणसी। यूटीआइ म्यूचुअल फंड के सीइओ इम्तियाजुर्रहमान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को शताब्दी वर्ष में विकसित देश बनाने और 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
एक अनुमान के मुताबिक भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश को 75 प्रतिशत तक ले जाने की जरूरत है। वर्तमान में भारत की जीडीपी में इंडियन म्यूचुअल फंड में मात्र 16 प्रतिशत का योगदान है। इसलिए जरूरत है हर व्यक्ति कुछ न कुछ निवेश करे। कहा कि म्यूचुअल फंड एक विश्वास है कि उसका धन सुरक्षित है।
बढ़ती महंगाई के समय में सुरक्षित निवेश सबसे बड़ी जरूरत है। इससे जुड़े संशय और उत्सुकता को दूर करने के लिए शुक्रवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में दैनिक जागरण-यूटीआइ म्यूचुअल फंड की ‘स्वतंत्र’ कार्यशाला का आयोजन किया गया। इम्तियाजुर्रहमान ने बताया कि यूटीआइ छोटे से बड़े निवेशकों के 17 लाख करोड़ रुपये मैनेज करता है। यूटीआइ में 40 देशों से पैसा लाकर देश की अर्थव्यवस्था में लगाता है। आप स्वयं तो निवेश करें ही बच्चों को भी बचत की आदत डालें।
इस दौरान विशिष्ट अतिथि महापौर अशोक कुमार तिवारी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सफल होने के लिए एक सलाह देने वाले की जरूरत होती है। उन्होंने कहा करीब 10 वर्ष पूर्व काशीवासियों ने अपने वोट का निवेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को किया। इसी का परिणाम है कि काशी ही नहीं देश को हर क्षेत्र में मुनाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग कुछ बचत होने पर एफडी या पोस्टआफिस की योजनाओं में निवेश कर देते हैं।
लोगों को भौतिक युग में अधिक मुनाफा की जरूरत है। ऐसी कार्यशाला काफी सहायक होगी। सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए दैनिक जागरण के वरिष्ठ समाचार संपादक भारतीय बसंत कुमार ने कहा कि लक्ष्मी चंचला होती है लेकिन उसे व्यवस्थित करने की जरूरत होती है। इस कार्यशाला से अर्थ के ज्ञान की धारा लोगों तक पहुंचेगी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मैनेजमेंट व अर्थ से जुड़े छात्र, कर्मचारी-अधिकारी, उद्यमी आदि लोग शामिल हुए।
मुनाफा और जोखिम में तालमेल बैठाता है म्यूचुअल फंड : प्रो. एचपी माथुर
कार्यशाला में मुख्य वक्ता काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. एचपी माथुर ने कहा कि सरकार और व्यक्ति दोनों एक लक्ष्य लेकर कार्य करते हैं। सरकार का उद्देश्य होता है कि जनमानस का भला हो। यही मोदी सरकार कर रही है। व्यक्ति भविष्य के लिए बचत करता है। अब पुराने तरीके से पुराने हो गए हैं। पहले एफडी पर 13 प्रतिशत ब्याज मिलता था आज यह घटकर आधे से भी कम हो गया है। इस कारण मुद्रा स्फीति के दर के अनुसार निवेश करना होगा।
इसमें ध्यान रखने की जरूरत है कि रिटर्न (मुनाफा) और रिस्क (जोखिम) में सामंजस्य बैठाना होगा। ऐसा इसलिए रिटर्न और रिस्क में विरोधाभास होता है। रिटर्न ज्यादा लेना चाहेंगे तो रिस्क अधिक होगा। शेयर मार्केट में यही रिस्क होता है। रिस्क कम लेंगे तो रिटर्न कम मिलेगा। ऐसे में म्यूचुअल फंड सहयोगी बनता है। म्यूचुअल फंड में निवेश को प्रोफेशनल जगह-जगह निवेश कर अधिक मुनाफा लेते हैं। इसी का परिणाम रहा कि पिछले वर्षों में औसत वृद्धि 12 से 14 प्रतिशत तक लोगों को मिली है। यह आपके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है।
आमदनी के बाद खर्च नहीं पहले बचत तय करें : धीरेंद्र कुमार
वैल्यू रिसर्च के धीरेंद्र कुमार ने लोगों को निवेश के तरीके के विषय में विस्तार से बताया। कहा कि हम जो कमाते हैं उसे खर्च करते हैं। जो बचता है वही हमारी बचत है। इस रवैए को बदलना होगा। कमाने के बाद पहले बचत निर्धारित करें। इसके बाद खर्च करें। यह इसलिए क्योंकि आज सिनेमा का जो टिकट 250 रुपये का मिल रहा है वह 2050 में 1029 रुपये का मिलेगा। इस कारण लम्बे समय के लिए बचत करें। जीवन के हर क्षेत्र में रिस्क है। बस रिस्क को कम और समाप्त करना है। म्यूचुअल फंड में यही होता है।
इसमें लगे व्यक्ति दिन-रात आपके निवेश को बढ़ाने की चिंता करते हैं। भाग दौड़ की जिंदगी में नहीं कर सकते हैं। ऐसे में निवेश को लक्ष्य के अनुसार विभक्त करें। किस काम के लिए कब कहां लगाया जाए। उन्होंने लोगों को बताया कि निवेश का सही समय क्या है? कहां निवेश करना सुरक्षित होगा? अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा के लिए कैसी निवेश योजनाएं बनाएं? छोटी-छोटी बचत कैसे करें और उन्हें कहां लगाएं। जल्दी से बचत व निवेश शुरू करें। समय के साथ आगे बढ़ें।

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