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    यूपी के इस जिले में नगर निगम के 37 आवासों पर अवैध रूप से कब्जा, जल्द जारी किए जाएंगे नोटिस

    Updated: Wed, 15 Jan 2025 07:46 AM (IST)

    वाराणसी नगर निगम के 37 आवासों पर अवैध कब्जा है जिससे निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है। निगम ने इन आवासों को खाली कराने के लिए तीन दिनों के भीतर नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है। साथ ही कब्जाधारकों से सर्किल रेट या बाजार दर से किराया भी वसूला जाएगा। वर्तमान में दुकानदार 100 से 600 रुपये के बीच किराया दे रहे हैं।

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    वाराणसी में नगर निगम के 37 आवासों पर अवैध रूप से कब्जा

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। नगर निगम अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाने में जुटा हुआ है। दूसरी ओर निगम के आवासों पर लंबे समय से अवैध कब्जा बना हुआ है। 247 में से 37 आवासों पर अवैध रूप में कब्जा है। इसमें शिवपुर में आठ, शिवपुर आइडीएच कालोनी 23, नदेसर विक्रय केंद्र में चार, नगर निगम मिसलेनियस में दो आवास शामिल हैं।

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    अवैध कब्जाधराकों से निगम को राजस्व की क्षति भी हो रही है। निगम इन आवासों को खाली कराने के लिए तीन दिनोंं के भीतर नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है। सहायक नगर आयुक्त अनिल यादव ने बताया कि अवैध कब्जा वाले आवासों की सूची तैयार कर ली गई है। ऐसे लोगों को आवास जल्द से जल्द खाली कराने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही कब्जाधारकाें से सर्किल रेट या बाजार दर से किराया भी वसूलने का निर्णय लिया गया है।

    सर्किल रेट से लिया जाएगा किराया

    आवास के अलावा शहर में निगम कुल 2144 भूमि-भवन व दुकानों को किराये पर आवंटित किया है। इसमें वर्षों पहले आवंटित 1484 दुकानें भी शामिल हैं। ज्यादातर दुकानदार अब भी 60 रुपये से लेकर 600 रुपये महीना किराया देते हैं। निगम ने डीएम सर्किल रेट से किराया लेने का निर्णय लिया था।

    दुकानदारों के अनुरोध पर निगम ने किराए की संशोधित दर लागू कर दिया है। इस क्रम में दुकानदारों ने अब बढ़ी हुई दर से किराया जमा करना भी शुरू भी कर दिए हैं। वहीं शिकमी किरायेदार के बारे में अब तक निगम काेई निर्णय नहीं ले सका। हालांकि महापौर अशोक कुमार तिवारी कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी भी दुकानदार को हटाया नहीं जाएगा। उन्हें प्राथमिकता के आधार पर वैधानिक तरीके से दुकान दिया जाएगा।

    यूनिटी माल का विरोध में उतरे सफाई कर्मी

    वहीं शहर में ही नगर निगम के कर्मचारी आदमपुर जोन कार्यालय के पास बनने वाले यूनिटी माल का विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों ने निगम पर सफाईकर्मियों की बस्ती उजाड़ने का आरोप लगा रहे हैं। सफाईकर्मियों का कहना है कि निगम इस बस्ती को खाली करने का दबाव बनाया हुआ है। जबकि वाल्मीकि समुदाय का करीब 40 परिवार सड़क के किनारे करीब 20 वर्षों से रह रहा है।

    भारतीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) आदमपुर जोन कार्यालय के पास यूनिटी माल बनाने का निर्णय लिया गया है। निगम की सदन से मंजूरी भी मिल चुकी है। इस क्रम में सर्वे भी कराया जा चुका है। यूनिटी माल का उद्देश्य न केवल व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है, बल्कि यह स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन, भारतीय हस्तशिल्प और संस्कृति के प्रचार-प्रसार का भी केंद्र बनेगा।

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