कालीन में जड़ेंगे अब फैशन के नगीने, IICT Bhadohi का NIFT से होगा समझौता
भारतीय कालीन की चमक से दुनिया को चकाचौंध करने की तैयारी है। कालीन में अब फैशन के नगीने जडऩे की कोशिश शुरू होने जा रही है। भदोही के आइआइसीटी का समझौता इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) से होने जा रहा है।
भदोही [संग्राम सिंह]। भारतीय कालीन की चमक से दुनिया को चकाचौंध करने की तैयारी है। कालीन में अब फैशन के नगीने जडऩे की कोशिश शुरू होने जा रही है। भदोही के इंडियन इंस्टीट्यट ऑफ कारपेट टेक्नोलॉजी (आइआइसीटी) का समझौता इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) से होने जा रहा है। अब देश भर में निफ्ट के 16 केंद्रों से जुड़े करीब तीन हजार छात्र आइआइसीटी में शोध कर सकेंगे।
दोनों संस्थान एक दूसरे की तकनीक और डिजाइन साझा करेंगे। मंगलवार को आइआइसीटी में एमओयू (मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग) के लिये मंथन होगा। इसमें दोनों संस्थानों के शीर्ष अधिकारी जुटेंगे। इससे कालीन उद्योग को नया आयाम मिलेगा। निफ्ट के शोधार्थी आइआइसीटी को आधुनिक फैशन से जोडऩे में मदद करेंगे। नायाब डिजाइन वाले कालीन तैयार कर उत्पादन कंपनियों को साझा किए जाएंगे। निफ्ट रायबरेली के संयुक्त निदेशक अमिताभ चौधरी ने बताया कि सभी कोर्स आगामी वित्तीय वर्ष से प्रभावी हो जाएंगे, जिससे दोनों संस्थानों को लाभ मिलेगा।
संचालित होंगे पांच तरह के कोर्स
- फैशन डिजाइन
- लेदर डिजाइन
- एसेसरीज डिजाइन
- फैशन कम्युनिकेशन
- मास्टर आफ फैशन मैनेजमेंट
दिल्ली से हो रही समझौते की निगरानी
संयुक्त समझौते की निगरानी निफ्ट के दिल्ली मुख्यालय से हो रही है। इसकी जरूरत इसलिए भी महसूस की गई, क्योंकि हाल ही में संपन्न हुए वर्चुअल कारपेट फेयर के दौरान दुनिया भर के आयातकों ने आधुनिक डिजाइन वाले कालीन की डिमांड कालीन निर्यात संवर्धन परिषद से की है। आइआइसीटी में पिछले सत्र के दौरान करीब तीन सौ शोधार्थी थे, अब वे फैशन का हुनर सीखेंगे।
निर्यातक यदि आधुनिक डिजाइन के कालीन बनाएंगे तो आयातक उसे और पसंद करेेंगे
निर्यातक यदि आधुनिक डिजाइन के कालीन बनाएंगे तो आयातक उसे और पसंद करेेंगे। इससे निर्यात बढ़ेेगा। इसी मकसद को पूरा करने के लिए निफ्ट के साथ संस्थान काम करने जा रहा है। मंगलवार को इस पर अंतिम निर्णय होगा।
-प्रोफेसर आलोक कुमार, निदेशक, आइआइसीटी
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