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आइआइटी बीएचयू में बायो केमिकल इंजीनियरिंग के प्रो. प्रदीप बने टाइफेक के कार्यकारी निदेशक

आइआइटी बीएचयू में बायो केमिकल इंजीनियरिंग के प्रो. प्रदीप श्रीवास्तव को विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्य करने वाले संस्थान टाइफेक का कार्यकारी निदेशक बनाया गया है।

By Edited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 03:03 AM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 09:08 AM (IST)
आइआइटी बीएचयू में बायो केमिकल इंजीनियरिंग के प्रो. प्रदीप बने टाइफेक के कार्यकारी निदेशक
आइआइटी बीएचयू में बायो केमिकल इंजीनियरिंग के प्रो. प्रदीप बने टाइफेक के कार्यकारी निदेशक

वाराणसी, जेएनएन। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बायो केमिकल इंजीनियरिंग के प्रो. प्रदीप श्रीवास्तव को भारत सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्य करने वाले संस्थान टाइफेक का कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया है। यह संस्था देश में तकनीकी विकास को लेकर काम करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को तकनीकी सलाह देने वाली भारत की शीर्ष संस्था है। नीति आयोग की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि प्रो. प्रदीप श्रीवास्तव पांच साल तक या सेवानिवृत्ति की आयु जो पहले हो, तक प्रति नियुक्ति पर कार्य करेंगे।

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प्रो. प्रदीप श्रीवास्तव ने इस पद के लिए अपनी जिम्मेदारियों व विजन को स्पष्ट करते हुए बताया कि वह भारत के सतत पोषणीय विकास व नवाचारों के लिए नवीन तकनीक की पहचान कर उन पर काम करेंगे। उनका मुख्य ध्यान क्लीन इंवायरमेंट टेक्नोलाजी, इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास, बायो डिग्रेडेबल इम्प्लांट व थ्री डी प्रिंटेड मानवीय अंगों पर काम करने पर होगा। इसके साथ ही मेक इन इंडिया की तर्ज पर स्वदेशी को बढ़ावा देते हुए एमएसएमई क्षेत्रों जैसे साड़ी, कारपेट, पोट्री, स्पोर्ट्स, होजरी क्लस्टर व मेडिकल उपकरणों को बढ़ावा देने पर काम करेंगे।

अब्दुल कलाम थे पहले चेयरमैन : प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चार साल पहले टाइफेक (टेक्नोलाजी इंफारमेशन, फारकास्टिंग व एसेसमेंट काउंसिल) के टेक्नोलॉजी विजन-2035 भी लांच किया गया था। इसके तहत राष्ट्रीय प्राथमिकता के आधार पर तकनीक के 12 क्षेत्रों को चिन्हित कर विकसित किया जाना है। इसका गठन वर्ष 1988 में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के नेतृत्व में किया गया था व संस्था के पहले चेयरमैन भी वही थे।


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