Exclusive: बैटरी की उम्र और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए शोध करेगा IIT, 50 करोड़ का प्रोजेक्ट आवंटित
इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग की सबसे बड़ी चुनौती बैटरी की क्षमता और उम्र को देखते हुए IIT BHU देश का पहला ट्रापिकल ई-मोबिलिटी एक्सीलेंस स्थापित करेगा। यहां लीथियम आयन और जिंक एयर बैटरी पर शोध होगा जिसमे टाटा मोटर्स और टीवीएस जैसी कंपनियां भी शामिल होंगी। केंद्र सरकार ने IIT BHU को 50 करोड़ का प्रोजेक्ट दिया है जिसका उद्देश्य बैटरी की क्षमता बढ़ाकर उसे सुरक्षित बनाना है।

संग्राम सिंह, जागरण, वाराणसी। इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के समक्ष इस समय सबसे बड़ी चुनौती बैटरी की कार्यक्षमता और उम्र है। दुनियाभर के विज्ञानी समाधान की दिशा में जुटे हैं, अब कुछ यही महत्वपूर्ण कोशिश आइआइटी बीएचयू भी करने जा रहा है। देश का पहला पहला ट्रापिकल ई-मोबिलिटी एक्सीलेंस (टीई-मोबिक्स) आइआइटी मेें स्थापित किया जाएगा।
लीथियम आयन और जिंक एयर समेत कई बैटरियों पर शोध किया जाएगा, इसके लिए टाटा मोटर्स और टीवीएस समेत कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां एक मंच पर आएंगी। नया बैट्री मैनेजमेंट सिस्टम तैयार होगा। पावर इलेक्ट्रानिक कन्वर्टर से बैटरी की उम्र 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकेगी। नई सेल केमिस्ट्री के माध्यम से कार्यक्षमता में वृद्धि का प्रयास होगा।
केंद्र सरकार के अनुसंधान और नेशनल रिसर्च फाउंडेशन ने आइआइटी बीएचयू को करीब 50 करोड़ का प्राेजेक्ट आवंटित किया है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग को नोडल नियुक्त किया गया है, बैटरी निर्माण के लिए नई तकनीकों पर कार्य भी शुरू हो चुका है। ऐसी तकनीक विकसित की जाएगी, जिससे
बैटरी शीघ्र डिस्चार्ज नहीं हो। क्षमता वृद्धि के बाद वह लंबे समय तक इलेक्ट्रिक वाहनों को रफ्तार देने में सक्षम होंगी। ऐसा चार्जर विकसित करेंगे, जो बैटरी क्षमता काे बढ़ाने का काम करेेगा। स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन समाधान के लिए यह प्रोजेक्ट नई उम्मीद बन सकता है।
ऊर्जा की बचत और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इलेक्ट्रिक बसें, इलेक्ट्रिक कारें और दोपहिया वाहनों के लिए बेहतर विकल्प बनेंगे। इलेक्ट्रिक ट्रक और वैन माल ढुलाई के बेहतर साधन सिद्ध होंगे। चार्जिंग बुनियादी ढांचा, उच्च तापमान और आर्थिक पहुंच जैसी चुनौतियों के निदान की दिशा में भी कदम बढ़ाए जाएंगे।
बैटरी को अधिक ऊर्जावान, सुरक्षित और हल्का बनाएंगे
आइआइटी बीएचयू के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने बताया कि बैटरी पर नया शोध शुरू हुआ है। नई तकनीकों का विकास होगा। बैटरी को अधिक ऊर्जावान, सुरक्षित और हल्का बनाया जाएगा। बैटरी के क्षरण को कम करते हुए उनकी उम्र बढ़ाई जाएगी।
जल्दी चार्ज करने के नये तरीके विकसित होंगे। बैटरी से कचरे को सुरक्षित रूप से निपटाने के लिए नए तरीके खोजे जाएंगे। शोधों से स्वच्छ ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और अन्य क्षेत्रों में प्रगति होने की उम्मीद है, जिससे दुनिया में जीवन की गुणवत्ता सुधरे।
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