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    BHU में नहीं थम रहा बवाल: IIT में चारदीवारी के खिलाफ गरजे 5 हजार छात्र-छात्राएं, जुलूस निकालकर रखी ये 10 मांगे

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Tue, 07 Nov 2023 09:44 AM (IST)

    IIT BHU Case आइआइटी की छात्रा संग छेड़खानी की घटना के बाद बीएचयू में अशांति थम नहीं रही है। एक दिन पहले कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन और आइआइटी निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने स्पष्ट किया था कि आइआइटी में चारदीवारी नहीं बनाई जाएगी। इसके बाद भी करीब पांच हजार छात्र-छात्राएं सुरक्षा की मांग और चारदीवारी के खिलाफ सड़क पर उतर गए।

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    BHU में नहीं थम रहा बवाल: IIT में चारदीवारी के खिलाफ गरजे 5 हजार छात्र-छात्राएं

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। आइआइटी की छात्रा संग छेड़खानी की घटना के बाद बीएचयू में अशांति थम नहीं रही है। एक दिन पहले कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन और आइआइटी निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने स्पष्ट किया था कि आइआइटी में चारदीवारी नहीं बनाई जाएगी।

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    इसके बाद भी करीब पांच हजार छात्र-छात्राएं सुरक्षा की मांग और चारदीवारी के खिलाफ सड़क पर उतर गए। जमकर प्रदर्शन किया। परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर से मालवीय भवन तक करीब दो किलोमीटर आक्रोश मार्च निकाला। प्रशासन के सामने 10 प्रमुख मांगें रखीं। कार्रवाई नहीं किए जाने की स्थिति में आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।

    किसी भी विभाग में नही चल सकी कक्षाएं

    आंदोलन में नौ संकायों के छात्रों के अवा शिक्षक भी शामिल हो गए। किसी विभाग में कक्षाएं नहीं चल सकीं। कई छात्रों ने मिड टर्म परीक्षा भी छोड़ दी। छात्र कक्षाओं से शांतिपूर्वक निकले और आंदोलन में शामिल हो गए। जमकर नारेबाजी की। मालवीय भवन में सभा हुई, यहां आक्रोश जताया गया।

    छात्रों ने मांग की कि आइआइटी को विश्वविद्यालय के अधीन किया जाए। बीएचयू और आइआइटी के बीच चारदीवारी बनाने का फैसला लेने वाले सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें। लिखित रूप से आश्वासन दें कि भविष्य में ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं आएगा।

    डॉ. अरविंद कुमार शुक्ल ने कहा कि 10 सूत्रीय मांगों को जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं मान लेता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन में पूर्व छात्र नेता व पूर्व शिक्षक भी शामिल हुए।

    दोषियों पर कार्रवाई पर मांग

    आक्रोश मार्च में शामिल लोग बीएचयू का लोगो व बैनर व महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की तस्वीर लिए थे। छात्र बीएचयू का पीला झंडा ओढ़े हुए थे। तख्तियों पर नारे लिखे थे कि बीएचयू बचाओ व बेटी की अस्मिता से खेलने नहीं देंगे, दोषियों पर कार्रवाई करो, बीएचयू को तोड़ने नहीं देंगे ...।

    छात्र पतंजलि ने कहा कि महामना के मूल्यों का रक्षा करना हमारा धर्म है। पूर्व संकाय प्रमुख कौशल किशोर मिश्रा ने कहा कि पीढ़ियों को अपनी लड़ाई लड़नी चाहिए। सभा को डा. वीरेंद्र सिंह, कुंवर पुष्पेंद्र प्रताप, अभिषेक सागर चौबे, क्षितिज, दर्शित, श्यामल व रौनक आदि ने संबोधित किया।

    उधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बीएचयू इकाई के अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि बीएचयू प्रशासन द्वारा विभाजन के प्रस्ताव को वापस लिए जाने के निर्णय का स्वागत है। छेड़खानी में दोषियों को सजा दी जाए।

    छात्रों की ये हैं 10 मांगे

    • बीएचयू परिसर में छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
    • परिसर में महिलाओं से दुर्व्यवहार के दोषियों पर कठोर कार्रवाई हो।
    • परिसर में प्रत्येक स्थान पर सीसीटीवी व प्रकाश व्यवस्था पर्याप्त हो।
    • चारदीवारी के विषय पर जिला प्रशासन और विवि स्पष्टीकरण दे कि बाउंड्री नहीं बनेगी।
    • चारदीवारी की घोषणा पर जिला प्रशासन माफी मांगे।
    • आइआइटी को बीएचयू के प्रशासनिक नियंत्रण में लाया जाए। किसी भी तरह का पृथक्करण की स्थिति भविष्य में न हो।
    • रात्रि दस बजे के बाद बाहरियों का प्रवेश सीमित हो। अस्पताल से आगे बिना कारण न जाने पाएं।
    • महिला सुरक्षा के लिए एक अलग महिला सुरक्षाधिकारी प्राक्टोरियल बोर्ड 24 घंटे उपलब्ध रहे।
    • महिला विषयक समिति को सक्रिय करें और यह स्वतः संज्ञान लेकर भी मामलों को निष्पादित करें।
    • परिसर के आसपास मादक द्रव्यों की बिक्री पर प्रतिबंधित लगे।

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