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    UP Chunav 2022 : अनिल के सामने आए ओमप्रकाश तो हाट सीट हो जाएगी बनारस की शिवपुर विधान सभा सीट

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Mon, 24 Jan 2022 03:11 PM (IST)

    सुभासपा कार्यकर्ताओं की मांग है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर इस बार शिवपुर विधानसभा से ही चुनाव लड़ें। ऐसा हुआ तो इस सीट पर लड़ाई बेहद दिलचस्प हो जाएगी। राजभर वोटों को लेकर पूर्वांचल में नए सिरे से समीकरण बनेंगे।

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    राजभर वोटों को लेकर पूर्वांचल में नए सिरे से समीकरण बनेंगे।

    वाराणसी [देवेंद्र सिंह]। उत्तर प्रदेश में चुनावी समर अपने चरम पर है। हर पार्टियां एक-दूसरे को पटखनी देने का हर दांव आजमा रही हैं। वोट का समीकरण बनाने-बिगाड़ने का जुगत लगा रही हैं। ऐसे में कभी बीजेपी की दोस्त रही सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) बनारस में उसे घेरने की तैयारी कर रही है। इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर इस बार शिवपुर विधानसभा से ही चुनाव लड़ें। अगर ऐसा हुआ तो इस सीट पर लड़ाई बेहद दिलचस्प हो जाएगी। राजभर वोटों को लेकर नए सिरे से समीकरण बनेंगे।

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    सुभासपा के प्रदेश प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह का कहना है कि हमारे नेता वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे तो एक बड़ा संदेश जाएगा। यहां के कार्यकर्ताओं का उत्साहित काफी ज्यादा बढ़ेगा। उन्होंने उम्मीद जतायी है कि सुभासपा अध्यक्ष अपने कार्यकर्ताओं की इच्छा का सम्मान करेंगे। उनका कहना है कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन के तहत वाराणसी में सुभासपा को 2 सीट मिलना लगभग तय है। इसमें से एक अजगरा विधानसभा और दूसरी शिवपुर विधानसभा है। इस बार सपा और सुभासपा गठबंधन की सरकार बनना तय है। समाज के सभी वर्ग के लोगों का समर्थन मिल रहा है।

    एक-दूसरे पर लगाते हैं आरोप : शिवपुर विधानसभा से प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर विधायक हैं। इस बार भी भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर शिवपुर विधानसभा से अनिल राजभर का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। वहीं बलिया जिले के रसड़ा विकास खंड के रामपुर गांव के मूल निवासी ओम प्रकाश राजभर 2017 के विधानसभा चुनाव में गाजीपुर जिले की जहूराबाद विधानसभा से विधायक चुने गए थे। भाजपा सरकार में वह कैबिनेट मंत्री भी बने, लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। पूर्वांचल में सुभासपा अध्यक्ष की सक्रियता लगातार बनी रहती है। चुनाव में ओम प्रकाश राजभर अनिल राजभर के खिलाफ मैदान में उतरे तो लड़ाई दिलचस्प हो जाएगी। दोनों नेता एक-दूसरे के निशाने पर रहते हैं और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है। ओमप्रकाश राजभर तो यहां तक दावा करते रहे हैं कि 2017 में उनकी वजह से अनिल राजभर को राजभर समाज का वोट मिला और विधायक बने।