काशी के ब्राह्मणों ने की MP के IAS अफसर की गिरफ्तारी की मांग की, केंद्रीय ब्राह्मण सभा बोली- क्षमा के लायक नहीं ऐसा घृणित बयान
मध्य प्रदेश के कृषि विभाग के उप सचिव आइएएस संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मणों के पक्ष में आरक्षण को लेकर दिए गए विवादित बयान पर काशी के ब्राह्मण समाज ने आपत्ति जताई है। केंद्रीय ब्राह्मण सभा ने बुधवार को बैठक कर कहा कि वर्मा का यह पदीय दायित्व से हटकर दिया गया घृणित बयान क्षमा योग्य नहीं है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। मध्य प्रदेश में कृषि विभाग में उप सचिव आइएएस अफसर संतोष वर्मा द्वारा आरक्षण के पक्ष में ब्राह्मणों को लेकर किए गए अनर्गल बयान पर काशी के ब्राह्मण समाज ने आपत्ति जताई है। केंद्रीय ब्राह्मण सभा ने बुधवार को इस संबंध में बैठक की। इसमें कहा गया कि संतोष वर्मा ने अपने पदीय दायित्व से हट कर जिस तरह का घृणित बयान दिया गया है, वह क्षमा के योग्य नहीं है।
संतोष वर्मा ने प्रांतीय अधिवेशन में कहा था कि जब तक ब्राह्मण अपनी बेटियों का दान हमें न कर दें, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। काशी की केंद्रीय ब्राह्मण सभा ने कहा कि इस तरह के बयान सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने वाले, समाज व राष्ट्र विरोधी हैं।
सेवामुक्त करने की मांगमध्य प्रदेश सरकार को स्वत: संज्ञान लेकर तत्काल प्रभाव से संतोष वर्मा को निलंबित कर सेवा से मुक्त करना चाहिए और उनके खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। खेद है कि तमाम सवर्ण संगठनों एवं ब्राह्मण संगठनों के विरोध एवं शिकायतों के बाद भी अभी तक न तो अधिकारी के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई और गिरफ्तार किया गया। यह सरकार एवं विपक्ष दोनों की तुष्टीकरण की नीति का ज्वलंत उदाहरण है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए डा. नागेंद्र प्रसाद द्विवेदी ने सरकार से समय रहते प्रभावी कार्रवाई की मांग करते हुए आगाह किया कि यदि समय रहते ऐसा नहीं किया गया तो संगठन को विरोध-प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। बैठक में पं. सतीश चंद्र मिश्र, बीपी मिश्र, सुब्बा राव शास्त्री, कन्हैया त्रिपाठी, शिव दत्त द्विवेदी, शशांक त्रिपाठी, राजीव झा, अनूप दुबे, आशुतोष ओझा आदि शामिल थे।

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