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    वाराणसी में हाइड्रोजन फ्यूल सेल यात्री पोत का गंगा में संचालन शुरू, तस्‍वीरों में देखें व‍िशेषता

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Thu, 11 Dec 2025 01:03 PM (IST)

    वाराणसी में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने देश के पहले हाइड्रोजन फ्यूल आधारित कैटामरान पोत का लोकार्पण किया। यह जलयान पर्यावरण के लिए सुरक्षित है ...और पढ़ें

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    सुरक्षा और आधुनिक तकनीक से युक्त, यह पोत यात्रियों के लिए आरामदायक और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करता है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। काशी में गुरुवार को बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री भारत सरकार सर्बानंद सोनोवाल ने देश के पहले हाइड्रोजन फ्यूल आधारित कैटामरान पोत का लोकार्पण क‍िया। इस हाइड्रोजन फ्यूल आधारित जलयान को पर्यावरण के लिए एक सुरक्षित समाधान माना जा रहा है। सर्बानंद सोनोवाल ने पोत के लोकार्पण के साथ ही जनसभा को भी संबोध‍ित क‍िया और सरकार के प्रयासों के बारे में बताया। पोत का संचालन शुरू होने के साथ ही काशी में पर्यटन को पंख लगना तय है। जानें यात्री पोत की व‍िशेषताएं- 

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    इस व‍िशेष पोत का आधार दो नौकाओं के बेस पर बना हुआ है। नीचे का तल स्‍पष्‍ट रूप से दो नौकाओं को जोड़ कर पूरे पोत को बनाए जाने का आधार नजर आता है। इससे नौका को व‍िशेष तौर पर गत‍ि म‍िलती है। दो नौकाकों को जोड़कर बनाए गए आधार वाले बड़े पोत को ही कैटामरान कहते हैं। इस ल‍िहाज से यह वाराणसी का पहला कैटामरान बोट भी है। 

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    इस पोत का संचालन शुरू होने के साथ ही काशी में पर्यटन को पंख लगना तय है। इस पोत के आगे के ह‍िस्‍से में एक घंटी यानी बेल को स्‍थाप‍ित क‍िया गया है ज‍िसपर हाइड्रोजन फेरी ल‍िखकर इसकी व‍िशेषता के बारे में बताया गया है। 

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    पोत का संचालन करने के ल‍िए आगे चालक का ह‍िस्‍सा व‍िशेष तौर पर लगभग 180 ड‍िग्री देख सकने के ल‍िए कांच आधार‍ित केब‍िन का न‍िर्माण क‍िया गया है। यहां से चालक सामने ही नहीं दूर तक दाएं बाएं भी देख सकेगा। इसकी वजह से इससे हादसे की संभावना पर भी लगाम लगेगी। 

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    पोत के भीतर कांच की बड़ी ख‍िड़कि‍यां हैं जहां एसी से युक्‍त यात्र‍ियों के बैठने की जगह होगी। यहां से यात्री गंगा में घाटों और गंगा की लहरों पर अठखेल‍ियां करती गंगा डाल्‍फ‍िन को भी देख सकेंगे। 

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    पोत के संचालन के दौरान दोनों ओर सीटों को अरेंज क‍िया गया है ज‍िसके बीच में आने जाने का रास्‍ता भी बना हुआ है। सपोर्ट के ल‍िए लोहे की रॉड और ऊपर पकड़ने के ल‍िए भी उपकरणों को लगाया गया है। इसकी वजह से यात्र‍ियों को बैलेंस बनाने में स‍हूल‍ियत होगी। 

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    केब‍िन को चालकों के अनुकूल एयरकंडीशंड सुव‍िधा के साथ ड‍िजाइन क‍िया गया है। यहां पर चालक यात्र‍ियों से संवाद भी कर सकते हैं। भीतर सीम‍ित सीटें स‍िर्फ चालकों के ल‍िए हैं तो शीशे पर जमी धूल और पानी को साफ करने के ल‍िए भी उपकरण हैं ता‍क‍ि दृश्‍यता बनी रहे। 

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    चालक के केब‍िन में चार से पांच के करीब स्‍क्रीन पर पोत का संचालन वाली सुवि‍धा है। चालक को पोत पर न‍ियंत्रण और न‍िगरानी के ल‍िए आधुन‍िक तकनीकी सुव‍िधाओं से युक्‍त कमांड पैनेल भी द‍िया गया है। 

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    पोत के भीतर एक कतार में चार यात्र‍ियों के ल‍िए सीटों का अरेंजमेंट क‍िया गया है। पोत पर इन सीटों को आमने सामने के क्रम में व्‍यवस्‍थ‍ित कि‍या गया है। इससे यात्र‍ि‍यों को आपस में पर‍िवार के साथ होने पर द‍िक्‍कत नहीं होगी। बड़ी व‍िंंडो से बाहर की दृश्‍यता काफी स्‍पष्‍ट होगी तो एसी कमरे में भीषण गर्मी में भी यात्र‍ियों को द‍िक्‍क‍त नहीं होगी। 

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    पोत का संचालन शुरू करने के साथ ही सुरक्षा उपकरणों और इसके व‍िभ‍िन्‍न ह‍िस्‍सों पर न‍िगरानी के ल‍िए भी तमाम ब‍िंंदु बनाए गए हैं। यात्री पोत के व‍िभ‍िन्‍न ह‍िस्‍सों के बारे में भी यात्री बने हुए चार्ट को देखकर इसकी कार्यप्रणाली समझ सकते हैं।