हाइड्रोजन फ्यूल आधारित जलयान पर्यावरण के लिए एक सुरक्षित समाधान : सर्बानंद सोनोवाल
सर्बानंद सोनोवाल ने हाइड्रोजन फ्यूल आधारित जलयान को पर्यावरण के लिए एक सुरक्षित समाधान बताया है। उन्होंने कहा कि यह जलयान प्रदूषण को कम करने और ग्रीन ...और पढ़ें

सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को वाराणसी में देश के पहले हाइड्रोजन फ्यूल आधारित कैटामरान पोत का लोकार्पण किया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री भारत सरकार सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को वाराणसी में देश के पहले हाइड्रोजन फ्यूल आधारित कैटामरान पोत का लोकार्पण किया तो काशी पर्यावरण के प्रति जलमार्ग में पहल करने वाला पहला शहर बन गया। इस दौरान सर्बानंद सोनोवाल ने जनसभा को संबोधित किया और पोत का भ्रमण कर काशी के विकास को गति पाते हुए करीब से महसूस किया।
उन्होंने कहा कि पावन भूमि काशी केवल एक शहर नहीं, बल्कि हमारी आत्मा है। काशी का नाम लेते ही मन में भक्ति की गंगा बहने लगती है। किसी प्रजा भूमि में विकास की एक नई धारा बह रही है, जो भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संकल्प लेकर चल रही है। यह हमारी संस्कृति की शक्ति है कि हम परंपरा से प्रेरणा लेकर प्रगति की ओर आगे बढ़ रहे हैं। यह सब हमें हमारे एसएससी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन से मिला है। वह परंपरा और प्रगति का अभूतपूर्व संगम बन चुके हैं।
अंतर्देशीय जलयान अपने व्यावसायिक संचालन के लिए तैयार है। यह केवल तकनीकी प्रगति नहीं है, बल्कि यह एक रास्ता है जिससे हम हर सदस्य समाधान की दिशा में पूरी भरोसे से आगे बढ़ रहे हैं। मैं यह भी विशेष रूप से उल्लेख करना चाहूंगा कि एक नई और उभरती हुई तकनीक ऊर्जा का बड़ा विकल्प बनकर सामने आ रही है। इस तकनीक के जहाज में गैसों का निकलना लगभग ना के बराबर है, जिससे यह पर्यावरण के लिए एक सुरक्षित समाधान बन सकता है। इस दिशा में व्यावसायिक रूप से अपनाया जा सकता है। भारत से हाइड्रोजन का संचालन करने वाला यह वेसेल अब नीदरलैंड जापान के साथ साझा तौर पर शामिल हो गया है, जो यह साबित करता है कि हमारी तकनीक और भविष्य के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच के साथ देश के हर क्षेत्र को आगे बढ़ाया गया है। इसी का परिणाम है कि आज अंतर्देशीय जल मार्ग भी भारत की नई विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पिछले एक दशक में कई ऐतिहासिक बदलाव हुए हैं। जहां पहले केवल पांच राष्ट्रीय जलमार्ग थे, अब उनकी संख्या बढ़ गई। कार्गो और यात्री वेसेल संचालित हो रहे हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सक्रियता बढ़ी है।
इस बदलाव के तहत जलमार्ग विकास परियोजना के जरिए राष्ट्रीय जलमार्ग पर हल्दिया से बनारस तक आधुनिक नेविगेशन कॉरिडोर बनाया गया है। इसमें उपकरण, सामुदायिक जातीय और टर्मिनल्स, वाटर टैक्सी, बोटिंग और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। आने वाले वर्षों में लगभग 2200 करोड़ रुपए की परियोजनाएं भी शुरू होने जा रही हैं। गंगा जैसे योजनाओं ने इस विकास को स्थानीय लोगों से जोड़ा है। किसानों, व्यापारियों और पर्यटन से जुड़े लाखों लोगों को इससे नया रोजगार और अवसर मिला है।
आज का संचालन भारत की आत्मनिर्भरता और तकनीकी नैतिकता का प्रतीक है। सभी तकनीकी संस्थानों को मैं विशेष रूप से धन्यवाद देता हूं जिन्होंने यह कार्य किया है। मैं आप सबको फिर से बधाई देता हूं। हमारे देश के आदर्श नेता, दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल्याण के लिए भारत माता की चरणों पर समर्पित भावनाओं से देश सेवा की है।
बताया कि मैं खुद अच्छी तरह जानता हूं कि मैंने अपनी आंखों से इन दिनों में देश के हर प्रांत में दौरा किया है। लोगों से बातचीत की है। सब लोगों ने खुलकर बताया कि पिछले 11 साल में देश जिस हिसाब से मजबूत और विकसित हुआ है, वह पहले की सरकारों के समय संभव नहीं था। उन्होंने कभी भी इस भारत को मान्यता नहीं दी। सिर्फ सत्ता में रहने के लिए अपने खानदान को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। हमें मां गंगा के चरणों में समर्पित भावनाओं से सेवा करनी चाहिए। मैं विशेष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं, हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देना चाहता हूं। इस सरकार ने सहयोग किया है।

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