सीएनजी वाहनों की हर तीसरे साल करानी होगी हाइड्रो टेस्टिंग, जानिए वाहन से जुड़े नियम कायदे
सुरक्षा मानकों को देखते हुए हर तीन साल पर वाहन में लगे सिलेंडर की हाइड्रो जांच करवानी होती है। जांच के बाद मिला प्रमाण पत्र दिखाने पर ही उन्हें सीएनजी स्टेशनों पर गैस मिलेगी। हाइड्रो टेस्ट की सुविधा डिवाइन एजेंसी की ओर से हरहुआ में दी जा रही है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। गैस अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड (गेल) ने सख्त कदम उठाते हुए कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) वाहनों की हाइड्रो टेस्ट अनिवार्य कर दी है। इसे हर तीन साल पर कराना अनिवार्य होगा। एेसा न करने पर इस तरह के वाहनों को गैस नहीं मिलेगी। वास्तव में सुरक्षा मानकों को देखते हुए हर तीन साल पर वाहन में लगे सिलेंडर की हाइड्रो जांच करवानी होती है। जांच के बाद मिला प्रमाण पत्र दिखाने पर ही उन्हें सीएनजी स्टेशनों पर गैस मिलेगी। हाइड्रो टेस्ट की सुविधा डिवाइन एजेंसी की ओर से हरहुआ में दी जा रही है।
सीएनजी गाड़ियां रख-रखाव में लापरवाही के चलते हादसे का सबब बन सकती हैं। इसका कारण है सिलेंडर की निश्चित समय पर हाइड्रो जांच न होना। सिलेंडर में तीन साल तक सीएनजी भरने से उनके कमजोर होने की संभावना बढ़ती जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार सील खुलने, टंकी खराब होने व वाल्व खराब होने का खतरा रहता है। ऐसे में सिलेंडर कमजोर है और पाइप से गैस लीक हो रही है तो हादसे की आशंका बढ़ जाती है। सिलेंडर कभी भी फट सकता है। टेस्ट में सिलेंडर को क्षमता के डेढ़ गुना प्रेशर तक मशीन से चेक किया जाता है। इससे जाना जाता जाता है कि सिलेंडर पूरी तरह फिट है या नहीं। वहीं सिलेंडर लोकल है तो जांच दो साल में ही करा लेनी चाहिए।
200 किलोग्राम प्रति सेंटीमीटर का होता है दबाव : वाहन में गैस दो सौ किलोग्राम प्रति सेंटीमीटर से भरी जाती है। सीधा वाहन खड़ा करने पर गैस आसानी से मिलेगी। स्टेशन पर सीएनजी गैस लेते समय चालकों को भी सावधान रहना होगा। डिस्पेंसर के नोजल की तरफ लोगों को खड़ा भी नहीं होना चाहिए।
बोले अधिकारी : हरहुआ में हाइड्रो टेस्ट की सुविधा है। चालकों को सावधानीपूर्वक समय सीमा पर सिलेंडरों की जांच करवानी चाहिए। ऐसा नहीं कराने से वाहन चालकों को गैस नहीं दी जाएगी। - गौरीशंकर मिश्र, उप महाप्रबंधक, गैस अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड।
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