Holi 2022 : रंग खरीदते वक्त उसे सूंघ लें, अगर किसी केमिकल या पेट्रोल की गंध आती है तो न खरीदें
होली के बाजार में उपलब्ध मिलावटी गुलाल डीजल इंजन ऑयल कॉपर सल्फेट और सीसे जैसे हानिकारक पदार्थों से बनते हैं। ये होती हैं दिक्कतें मिलावटी रंगों से होली खेलने पर चक्कर सिरदर्द और सांस लेने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है।

वाराणसी, इंटरनेट डेस्क। होली के मौके पर रंग की बाजार से खरीदारी करते वक्त कई पक्षों का ध्यान रखना चाहिए। हानिकारक रंगों से बचाव जरूरी हैं। रंग खरीदते वक्त उसे सूंघकर देखें, अगर किसी केमिकल या पेट्रोल की गंध आती है तो उसे तुरंत छोड़ दें। रंग खरीदते वक्त आप थोड़ा सा रंग पानी में घोल कर देखें और अगर रंग पानी में नहीं घुलता तो इसका मतलब है कि उसमें केमिकल हो सकता है। रंग खरीदते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि उसमें चमकीले कण न हों।
होली के दौरान बाजारों में इको फ्रेंडली रंगों की भरमार आ जाती है, लेकिन अगर इन रंगों से किसी केमिकल या पेट्रोल की गंध आए या रंग पानी में आसानी से न घुलें तो आप इन्हें कतई न खरीदें, क्योंकि पैसा बनाने के चक्कर में लोग अक्सर त्योहारों को ही चुनते है।ऑर्गेनिक रंगों में डार्क शेड में चमकदार कण कतई नहीं होते इसलिए काला, सिल्वर, गहरा पीला रंग कतई न खरीदें। सस्ते व खुले रंगों में केमिकल पाए जाते हैं। ब्राडेंड रंगों का ही इस्तेमाल करें, जिन पर केमिकल न होने की जानकारी लिखी होती है।
होली पर मिलावटी चीजों का बाजार भी गर्म होता है। ऐसे में आपकी थोड़ी लापरवाही और सस्ते सामान की तरफ आकर्षित होना भारी पड़ सकता है। रंगों में होती है मिलावट दुकानदार मिलावटी रंगों की भी बिक्री करते हैं। मिलावटी रंग सस्ती सामग्री से बनती हैं। मिलावटी गुलाल डीजल, इंजन ऑयल, कॉपर सल्फेट और सीसे जैसे हानिकारक पदार्थों से बनते हैं। ये होती हैं दिक्कतें मिलावटी रंगों से होली खेलने पर चक्कर, सिरदर्द और सांस लेने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। रंगों और गुलाल में ऐसे रसायन मिले होते हैं, जिनका सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
होली खेलने के लिए हर्बल व घर पर तैयार रंग-गुलाल का प्रयोग करें
आप बेसन में हल्दी मिलाकर पीला हर्बल रंग पा सकते हैं
गेंदे के फूलों के पत्तों को पानी में उबालकर पिचकारी के लिए पीला रंग बना सकते हैं
गुड़हल फूलों के पत्तों के पाउडर को आटे के साथ मिलाने से लाल रंग बन जाता है
पानी में केसर या मेहंदी मिलकर नारंगी रंग बन जाता है
अनार के दाने पानी में मिलाकर गुलाबी रंग का पानी बन जाता है
नारंगी के रातभर मेहंदी की पत्तियों को पानी में भिगों दें
गहरा गुलाबी रंग के लिए चुकंदर को पानी में उबाल लें, रंग तैयार
गुलाब व अन्य लाल रंग के फूलों को रातभर पानी में भिगों दें तो लाल रंग मिलेगा
पीले रंग के लिए टेसू के फूलों को रातभर पानी में भिगो दें
नीले रंग के लिए ब्लूबेरी के रस से नीला रंग तैयार किया जा सकता है
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