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    ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की मुक्ति के लिए हिंदू पक्ष ने बनाया ट्रस्‍ट, कोर्ट में चल रहे मामले का खर्च भी देखेगा न्‍यास

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Mon, 11 Jul 2022 01:59 PM (IST)

    ज्ञानवापी मस्जिद मामले में श्रृंगार गौरी के पूजन से शुरू हुआ विवाद अब ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने में मिले शिवलिंग की आजादी तक मामला पहुंच चुका है। ऐसे ...और पढ़ें

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    ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बीच अब हिंदू पक्ष ने ट्रस्‍ट का गठन किया है।

    वाराणसी, जागरण संवाददाता। ज्ञानवापी मस्जिद में अदालत में अब श्री आदिमहादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्‍यास की ओर से ही मामले की सुनवाई की जाएगी। बनारस की चार महिला वादियों की ओर से इस मामले में ट्रस्ट बनाया गया है। राखी सिंह को छोड़ कर लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास व एक अन्य महिला वादी इस ट्रस्‍ट में शामिल हैं। इस बाबत अदालत में पैरोकार सोहन लाल ने इसकी पुष्टि की है।

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    ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की ओर से श्रृंगार गौरी के पूजन के लिए शुरू हुआ अभियान अब ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूजन और अर्चन के साथ ही मुस्लिम पक्ष से मुक्‍त कराने के लिए अभियान का क्रम चल रहा है। अभियान में आने वाले खर्च के साथ ही प्रबंधन के लिए अब हिंदू पक्ष की ओर से श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास नाम का ट्रस्ट बनाया गया है।

    हिंदू पक्ष की ओर से बनाया गया यह ट्रस्ट कोर्ट में चल रहे मामलों की देखरेख करेगा। यह ट्रस्ट पूरे मामले में खर्च समेत तमाम जिम्मेदारियों की निगरानी करेगा और पूरे प्रकरण की देखरेख के साथ ही मामलों की समय समय पर प्रगति की समीक्षा कर आगे की रणनीति भी तय करेगा। फ‍िलहाल इसके पूर्व कई लोगों की ओर से वाद दाखिल होने के साथ ही एक बैनर का अभाव भी बना हुआ था।

    अब हिंदू पक्ष की ओर से वादी महिलाओं ने श्री आदिमहादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्‍यास नामके इस ट्रस्ट का गठन कर आगे की रणनीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। इस बाबत ट्रस्‍ट को लेकर उद्घाटन समारोह का भी आयोजन किया गया है। इसमें पांच अतिथि, 11 ट्रस्टी सहित 21 सम्मानित ट्रस्टी के अलावा चार वादी महिलायें शामिल रहेंगी। इस बाबत पैरोकार की ओर से स्‍पष्‍ट किया गया है कि ट्रस्‍ट की ओर से अब पूरे प्रकरण की देखरेख के साथ ही अदालती खर्चे और अभियान को लेकर रणनीति तय की जाएगी। उसी रणनीति के क्रम में ही ट्रस्‍ट का गठन किया गया है।