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    कठपुतली नाटक 'हिन्द के सरदार' का काशी में हुआ प्रथम प्रदर्शन

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Thu, 30 Oct 2025 05:03 PM (IST)

    काशी में कठपुतली नाटक 'हिन्द के सरदार' का प्रथम प्रदर्शन हुआ। इस नाटक में भारत के महान नेताओं की कहानियों को कठपुतलियों के माध्यम से दर्शाया गया, जिसने दर्शकों को देशभक्ति की भावना से भर दिया। कलाकारों ने अपनी कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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    सरदार पटेल के जीवनवृत्त पर आधारित कठपुतली नाटक “हिन्द के सरदार” का प्रदर्शन किया गया।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। भारत के पहले गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती की पूर्व संध्या पर सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट के तत्वावधान में क्रिएटिव पपेट आर्ट्स ग्रुप द्वारा सरदार पटेल के जीवनवृत्त पर आधारित कठपुतली नाटक “हिन्द के सरदार” का प्रदर्शन भंदहा कला कैथी स्थित आशा लाइब्रेरी में किया गया।

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    यह नाटक पटेल जी के जीवन पर आधारित देश का पहला कठपुतली नाटक है, जिसमें कुल 78 कठपुतलियों का प्रयोग किया गया है। 54 मिनट की इस प्रस्तुति में 6 कठपुतली कलाकारों ने भाग लिया।

    कार्यक्रम संयोजक एवं सुविख्यात कठपुतली कलाकार मिथिलेश दुबे ने बताया कि इस नाटक का कथानक राजसमन्द, राजस्थान के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. नरेंद्र निर्मल द्वारा लिखा गया है।

    नाटक में प्रयुक्त कठपुतलियों को बनाने और नाट्यरूप देने में लगभग एक वर्ष का समय लगा। उन्होंने बताया कि पटेल जी की 150वीं जयंती के अवसर पर देशभर में इस नाटक की 150 प्रस्तुतियों का लक्ष्य रखा गया है।

    कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का अभिनंदन करते हुए आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि लौह पुरुष के नाम से प्रसिद्ध सरदार वल्लभ भाई पटेल भारतीय राजनीति के एक दिग्गज और देश के पहले उप-प्रधानमंत्री थे।

    वे एक सच्चे देशभक्त थे, जिन्होंने महात्मा गांधी से प्रेरित होकर अहिंसा के सिद्धांतों का उपयोग ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ संघर्ष में किया। उन्होंने जीवनभर देश की स्वतंत्रता और विकास के लिए एकता और अखंडता के महत्व पर जोर दिया। पटेल जी ने भारत के राजनीतिक एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 562 रियासतों को भारतीय संघ में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

    नाटक की प्रस्तुति मिथिलेश दुबे के नेतृत्व में अनिल कुमार, विशाल सिंह, सुजीत कुमार, पंकज कुमार, विशाल कुमार द्वारा की गई। आयोजन में प्रदीप कुमार सिंह, राजकुमार पटेल, सौरभ चन्द्र, दीन दयाल सिंह, ज्योति सिंह, साधना, सरोज, श्वेता आदि की विशेष भूमिका रही। इस अवसर पर डॉ विद्या सागर पाण्डेय, डॉ शशि भूषण सिंह, गोविन्द चौबे, नीरज चौबे, श्यामाचरण पाण्डेय, सौरभ सिंह, अरुण पाण्डेय, शिवेंद्र सिंह, राम जनम, रणवीर पाण्डेय, शशि प्रकाश, मनोज यादव, रमेश प्रसाद, गोरख आदि की उपस्थिति रही।