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Hello Doctor : सेहत पर भारी पड़ सकती है भोजन निगलने में परेशानी, यह एक्लेजिया कार्डिया की समस्या

खाना निगलने में दिक्कत महसूस हो और तेजी से आपका वजन घट रहा हो साथ ही उल्टी व गैस की समस्या होने लगे तो सतर्क हो जाएं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 08:50 AM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 10:09 AM (IST)
Hello Doctor : सेहत पर भारी पड़ सकती है भोजन निगलने में परेशानी, यह एक्लेजिया कार्डिया की समस्या
Hello Doctor : सेहत पर भारी पड़ सकती है भोजन निगलने में परेशानी, यह एक्लेजिया कार्डिया की समस्या

वाराणसी, जेएनएन। खाना निगलने में दिक्कत महसूस हो और तेजी से आपका वजन घट रहा हो, साथ ही उल्टी व गैस की समस्या होने लगे तो सतर्क हो जाएं। यह आहार नली की गंभीर समस्या हो सकती है, जिसे 'एक्लेजिया कार्डिया' कहते हैं। इसमें कई बार खाना पेट में जाने की बजाय आहार नली में ही अटक जाता है। ऑपरेशन ही इसका एकमात्र निदान है। यह कहना है बीएचयू अस्पताल स्थित सर्जरी विभाग के प्रोफेसर व वरिष्ठ सर्जन प्रो. मुमताज अंसारी का। दैनिक जागरण के हैलो डाक्टर कार्यक्रम में उन्होंने पाठकों की जिज्ञासाएं सुनी और उचित परामर्श भी दिए।

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बताया कभी-कभी भोज्य पदार्थ आहार नली से निकलकर श्वांस नली में पहुंच जाता है, तो कभी किसी अन्य अंग में फंस जाता है। इससे सांस लेने के साथ ही तेज खांसी भी चलने लगती है। साथ ही साथ शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी होने लगती है। इसका प्रमुख कारण आहार नली की नसों का कमजोर होना है। इसमें दवा कारगर साबित नहीं होती। दूरबीन विधि से ऑपरेशन कर या आहार नली में दूरबीन डालकर रास्ते को चौड़ा कर दिया जाता है और मरीज पूरी तरह ठीक हो जाता है। इस सर्जरी को 'लैप्रोस्कोपिक कार्डियोमायोटॉमीÓ कहते हैं।

हल्के में न लें गैस की समस्या

पेट में हमेशा गैस की समस्या बनी रहे और मुंह में कड़वा पानी आए तो यह गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) के लक्षण हैं। इसमें आहार नली संकरी हो जाती है। आहार नली व आमाशय के बीच का वॉल्व भी कमजोर हो जाता है। इससे पेट का एसिड बाहर आने लगता है और आहार नली के निचले हिस्से में घाव बना देता है। दवा से आराम न मिलने पर दूरबीन विधि से ऑपरेशन (लैप्रोस्कोपिक फंडोप्लीकेशन) करने पर मरीज पूरी तरह ठीक हो जाता है।

कुछ प्रमुख स्वास्थ्य समस्या व उनका निदान

पित्त के थैली की पथरी :

लक्षण : गैस बनना, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, कभी-कभी ज्वांडिश होना।

कारण : अनियमित खान-पान व दिनचर्या।

उपचार : दूरबीन विधि से ऑपरेशन।

किडनी की पथरी :

लक्षण : पीठ अथवा पेट में तेज दर्द होना, पेशाब में जलन, पेशाब के रास्ते ब्लड आना आदि।

कारण : अनियमित भोजन व दिनचर्या, फास्ट फूड, कम पानी पीना, पेशाब अधिक देर तक रोके रखना।

उपचार : दवा से भी पथरी निकल जाती है। जटिल परिस्थिति में ऑपरेशन से निदान हो जाता है।

हार्निया :

लक्षण : पेट के निचले हिस्से में जांघ के ऊपर सूजन, आंत का उतर जाना, तेज दर्द, कभी-कभी आंत का फंस जाना। (आंत का फंसना गंभीर समस्या है, इससे मरीज की मौत भी हो सकती है।)

कारण : मांसपेशियों की कमजोरी, आनुवांशिक कारण, पूर्व में हुए पेट के ऑपरेशन जिसमें नस कट जाने की वजह से भी मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।

उपचार : दूरबीन विधि से या पुरानी पद्धति से चीरा लगाकर ऑपरेशन करने इसका संपूर्ण निदान संभव है। 

हाइड्रोशील :

लक्षण : अंडकोष का बढ़ जाना, दर्द होना।

कारण : फाइलेरिया का संक्रमण या अंडकोष पर चोट लगना।

उपचार : इसका निदान ऑपरेशन ही है।

इन्होंने पूछे सवाल -

समस्या : 2008 में हार्निया का ऑपरेशन कराया था, बीते एक साल से उसी स्थान पर दर्द महसूस हो रहा है।

-एसके त्रिपाठी, जगतपुर

निदान : ऑपरेशन के दौरान नस के हीलिंग टीशू में दब जाने से दर्द होता है। फिर से हार्निया भी हो सकती है। किसी सर्जन से परामर्श जरूर लें।

समस्या : बेटा जब भी कोई वजनी चीज उठाता है, तो उसके पेट में दर्द होने लगता है। 

-सुनीता तिवारी, पांडेयपुर

निदान : दर्द को हल्के में बिल्कुल न लें। पेट का अल्ट्रासाउंड कराएं, गंभीर बीमारी का शुरुआत में पता चलने पर इलाज में सुविधा होगी। किसी कुशल सर्जन से परामर्श लें।

समस्या :  भारी समान उठाने पर पेट में भारीपन आ जाता है। लेट जाने पर आराम मिलता है।

-रामाश्रय मौर्य, जाल्हूपुर

निदान : ऐसा हार्निया में होता है। इसमें आंत नीचे उतर आती है। किसी सर्जन से परामर्श लें। एक छोटा सा ऑपरेशन कर इसका निदान किया जा सकता है।

समस्या :  पेट के ऊपर के हिस्से में एक ही स्थान पर बराबर दर्द बना रहता है।

- अनन्या श्रीवास्तव, प्रतापपुर

निदान :  यह आम समस्या है, लेकिन कारण का पता होना जरूरी है। सर्जन से परामर्श लें और जांच कराएं।

समस्या : जब से हार्निया का ऑपरेशन कराया है, न डकार आती है और न ही हाजमा दुरुस्त रहता है।

-काशीनाथ, चांदपुर

निदान : हार्निया के ऑपरेशन से इसका संबंध नहीं है। यह पाचन क्रिया का विकार है, जिसमें खाना ठीक से हजम नहीं होता। वरिष्ठ गैस्ट्रोइंट्रोलाजिस्ट से मिलें।

समस्या : बवासीर से दिक्कत रहती है, कभी-कभी ब्लड भी आता है।

-सच्चिदानंद दुबे, चितईपुर

 निदान : जांच कर पता लगाना जरूरी है कि भगंदर है या बवासीर अथवा अन्य किसी समस्या से ब्लड आ रहा है। किसी सर्जन को दिखाएं।

समस्या :  लिवर में सूजन है। कभी-कभी उल्टी हो जाती है।

- पवन कुमार, हरहुआ

 निदान : लिवर विशेषज्ञ से मिलकर परामर्श लेना उचित होगा। इसे हल्के में बिल्कुल न लें, मुकम्मल जांच कराएं।

समस्या : पेट में एसीडिटी की समस्या बनी रहती है।

- नीलम चौरसिया, नाटी इमली

 निदान : यह आम समस्या है, जो अधिक एसिड बनने के कारण होता है। चिकित्सक से मिलें और जांच कराकर इलाज शुरू करें।

समस्या : मेरी उम्र 73 साल है। आहार नली का ऑपरेशन कुछ साल पहले कराया था। अब गले में जलन की समस्या रहती है।

-राधा देवी, बिरदोपुर

 निदान : आहार नली की समस्या लग रही है। दूरबीन विधि से दोबारा इलाज कराना होगा। वरिष्ठ गैस्ट्रोइंट्रोलाजिस्ट से परामर्श लें।

समस्या : पेट के निचले हिस्से में दाहिनी ओर दर्द रहता है। अल्ट्रासाउंड में कुछ नहीं मिला।

-एसके श्रीवास्तव, बभनी

 निदान : यदि अल्ट्रासाउंड में कुछ सब ठीक है तो यह एपेंडिक्स, गुर्दे की नली में सूजन या आंत में संक्रमण की समस्या हो सकती है। सीटी स्कैन कराएं और वरिष्ठ सर्जन को दिखाएं।

समस्या : हार्निया की समस्या है, क्या यह दवा से ठीक हो सकता है।

-आशा शंकर सिंह, बिरदोपुर

 निदान : इसका निदान ऑपरेशन है। दूरबीन विधि अथवा पुरानी पद्धति से चीरा लगाकर इसका ऑपरेशन किया जाता है, जिसके बाद मरीज ठीक हो जाता है।

समस्या : 83 साल का हूं, गाल ब्लेडर में पथरी है। जांच के बाद डाक्टर ने उम्र को देखते हुए ऑपरेशन से मना कर दिया है। अब क्या करें।

-रामजी लाल श्रीवास्तव, अर्दली बाजार

 निदान : इसका संपूर्ण निदान ऑपरेशन ही है। बीएचयू अस्पताल में आएं, समस्या का निदान होगा।

समस्या : पत्नी के गाल ब्लेडर में 6 एमएम की पथरी है और लिवर में संक्रमण भी है। पेट में दाहिने तरफ दर्द बना रहता है।

-बबलू, सारनाथ

 निदान :  पित्त की थैली में पथरी की वजह से ही यह समस्या है। पित्त की थैली के ऑपरेशन से समस्या दूर होगी। बीएचयू या मंडलीय अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सक से परामर्श लें और अपना इलाज कराएं।

समस्या : सुबह व दोपहर में भोजन के बाद शौचालय जाने की जरूरत महसूस होती है।

- दिनेश चंद बिंद, कंदवा

निदान : यह इरिटेबल बावल सिंड्रोम (आइबीएस) है, जिसमें आंत की गति अनियमित हो जाती है। गैस के साथ ही कब्ज की समस्या होने लगती है। गैस्ट्रोइंट्रोलाजिस्ट को दिखाएं। यथा संभव मिर्च, मसाला, तेल-घी की अधिकता वाले भोजन से परहेज करें।

समस्या :  खाना खाने के बाद पेट में बायीं ओर भारीपन महसूस होता है। दर्द नहीं रहता। जांच में भी कुछ नहीं निकला। -अशोक वर्मा, जवाहर नगर

निदान : वरिष्ठ सर्जन को दिखाएं। अल्ट्रासाउंड में यदि कुछ नहीं आया तो सीटी स्कैन कराएं और परामर्श लें।

समस्या : दूषित पानी से बहुत सारे रोग होते हैं, इनसे कैसे बचें।

-केशव यादव, मंडुआडीह

निदान : दूषित पानी के कारण कालरा, लिवर में फोड़े आदि समस्या होती है। जहां दूषित पानी की आपूर्ति हो रही हो वहां आरओ का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन लंबे समय तक इसके सेवन के भी दुष्परिणाम हैं। बेहतर होगा कि फिल्टर का पानी पीएं अथवा पानी को उबाल कर छान लें। ठंडा होने पर उसका उपयोग कर सकते हैं।

समस्या : फैटी लिवर की समस्या है। -अनिल गिरी, चोलापुर

निदान : यह स्वास्थ्य संबंधी आम समस्या हो गई है। यह अमूमन तेल-मसाले युक्त भोजन का सेवन करने से होता है। लिवर के डाक्टर से परामर्श लेकर कारणों का पता लगाएं। क्योंकि कई बार अन्य बीमारियों भी फैटी लिवर का कारण बनती हैं।

समस्या : जांघ के ऊपर सूजन है, दर्द भी रहता है।

-खरबन राम, केशरीपुर

निदान : हार्निया की समस्या है। इसे हल्के में न लें। बीएचयू अस्पताल में आकर इलाज कराएं।

समस्या : गैस की समस्या में कौन सा घरेलू नुस्खा कारगर होगा।

-ऋषिराज उपाध्याय, शिवपुर

निदान : घरेलू इलाज भी तभी करना चाहिए, जब बीमारी के बारे में सटीक मालूमात हो। बेहतर होगा कि वरिष्ठ चिकित्सक से परामर्श लेकर अपना इलाज कराएं।

समस्या : गैस बहुत बनती है। मुंह में छाले निकल आते हैं, जो बाद में ठीक भी हो जाते हैं।

-कपूर चंद जैन, हाथी बाजार

निदान : कई बार गैस के चक्कर में हम अपना कीमती समय गवां देते हैं। उचित होगा कि चिकित्सक से परामर्श लें। गैस के कारण का पता लगाएं और इलाज कराएं।


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