डा. कुमार विश्वास की कविताओं को सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध, एनसीएल खडिय़ा परियोजना में कवि सम्मेलन का आयोजन
एनसीएल खडिय़ा परियोजना के डीएवी मैदान में रविवार की शाम को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सोनभद्र, जेएनएन। एनसीएल खडिय़ा परियोजना के डीएवी मैदान में रविवारशाम को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का विशेष आयोजन किया गया। इसमें युवा कवि डा. कुमार विश्वास ने कोयला श्रम साधकों के योगदान को प्रस्तुत किया। डा. विश्वास ने अपनी प्रसिद्व कविता कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है... और राजनेताओं पर व्यंग करते हुए कहा कि इस अधूरी जवानी का क्या फायदा, बिन कथानक कहानी का क्या फायदा...। हम वहीं जो रोशनी रखते है, सबके चौखटों पर... एवं हम न आते तो तरक्की इस कदर ना बोल पाती..., समेत एक से बढ़कर कविताओं की प्रस्तुति कर कोल कर्मियों को समर्पित कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अंकिता सिंह ने अकेले बैठ कर तुमको कभी जब याद करती हूं, मैं रोना-मुस्कराना दोनों साथ करती हूं... एवं बड़े नादान हो तुम जरा समझा करो बातें..., शृंगार रस की कविता सुनाकर श्रोताओं में रोमांच भर दिया। रमेश मुस्कान ने धन्य हो कलाम भाई... एवं मुहब्बत सिर्फ खर्चों की लंबी कहानी है, कभी पिक्चर दिखानी है कभी साड़ी दिलानी है... तथा तुम कंप्यूटर युग की छोरी, मन की काली तन की गोरी... आदि हास्य की कविता प्रस्तुत कर तालियां बटोरी। तेज नारायण शर्मा ने कहा कि लाल किला 71 साल से भाषण देता है, आदमी बदल जाते है, भाषण वहीं रहता है..., आदि व्यंग की कविता पाठ कर लोगों को खूब गुदगुदाया। संचालन कुमार विश्वास ने किया। काव्य संध्या का शुभारंभ मुख्य अतिथि एनसीएल के सीएमडी प्रभात कुमार सिन्हा ने कवियों के साथ द्वीप प्रज्जवलन कर किया। कवि सम्मेलन मे अपार भीड़ उमड़ी रही। इसमें निदेशक गुणाधर पांडेय, जेसीसी सदस्य मुन्नीलाल यादव, अशोक कुमार दुबे एवं सीएमओएआइ के सर्वेश सिंह, कृति महिला मंडल अध्यक्ष संगीता सिन्हा, उपाध्यक्ष प्रतिमा पांडेय, नीलू ठाकुर आदि थे।