Move to Jagran APP

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में किरन सिंह और शंकराचार्य स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद की याचिका पर सुनवाई टली

ज्ञानवापी मामले में अदालत में दो अलग अलग मामलों में हिंदू पक्ष की ओर से किरन सिंह और शंकराचार्य स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद की याचिका पर सुनवाई आज होने जा रही है। एक मांग में ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने की मांग है तो दूसरे में शिवलिंग के पूजन की डिमांड है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 07 Oct 2022 08:16 AM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 02:09 PM (IST)
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में किरन सिंह और शंकराचार्य स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद की याचिका पर सुनवाई टली
ज्ञानवापी मामले में आज दो प्रकरण की सुनवाई है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। Gyanvapi Masijd case Varanasi 7 october 2022 : ज्ञानवापी मस्जिद मामले में शुक्रवार को दो अलग अलग मामलों की अदालत में सुनवाई टल गई। दोपहर दो बजे के बाद तीन मामलों में अदालत को सुनवाई करना था। इसके पूर्व गुरुवार को नाटी इमली में भरत मिलाप का स्‍थानीय अवकाश होने की वजह से अदालत में होने वाली सुनवाई टल गई थी। वहीं ज्ञानवापी परिसर के एएसआइ सर्वेक्षण और शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच की मांग को लेकर भी अदालत में सुबह से ही गहमागहमी बनी हुई थी। वहीं पीठासीन अधिकारियों के न होने और अधिवक्‍ता श्रीधर शुक्‍ला के निधन के चलते ज्ञानवापी के तीन मामलों में सुनवाई टल गई।

loksabha election banner

पहले मामले में जहां वादी हिंदू पक्ष की किरन सिंह‍ द्वारा पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने के मामले में जहां सुनवाई होनी थी वहीं दूसरे मामले में शंकराचार्य स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद द्वारा वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूजन और भोग को लेकर भी अदालत में सुनवाई होनी थी जो टल गई। शंकराचार्य स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद के प्रार्थना पत्र पर जहां तीन नवंबर को सुनवाई होगी वहीं किरन सिंह के मामले में 11 अक्‍टूबर को अदालत सुनवाई करेगी। वहीं तीसरे मामले में विश्‍व हिंदू सेना के अध्‍यक्ष विष्‍णु गुप्‍ता के मामले में प्रार्थना पत्र पर 28 अक्‍टूबर को सुनवाई होगी। 

किरन सिंह के प्रार्थना पत्र पर मामले में आज शुक्रवार की दोपहर बाद सुनवाई होनी थी। विश्व वैदिक सनातन संघ की अतंरराष्ट्रीय महामंत्री किरन सिंह की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई शुक्रवार की दोपहर बाद अदालत में होनी थी। इस बाबत सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र में ज्ञानवापी परिसर को मंदिर का हिस्‍सा बताते हुए हिंदुओं को सौंपने और वहां मिले शिवलिंग के दर्शन- पूजन की हिंदुओं द्वारा मांग की गई है।

वहीं दूसरी ओर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार की दोपहर सुनवाई होनी थी जिसमें अब तीन नवंबर को सुनवाई होगी। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर मामले में वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूजा -पाठ राग -भोग आरती करने को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर गुरुवार की दोपहर बाद सुनवाई होनी थी जो अदालत बंद होने से शुक्रवार तक के लिए टल गई। सिविल जज सीनियर डिविजन कुमुद लता त्रिपाठी की अदालत में सुनवाई के दौरान प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने आपत्ति दाखिल करने के लिए समय की मांग भी की है।

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे के दौरान वजू खाने से शिवलिंग बरामद किया गया था। जिसे मुस्लिम पक्ष ने फव्‍वारा बताया तो अदालत ने शिवलिंग मानते हुए उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए वजूखाने को सील कर दिया था। जिसके पूजन और भोग के लिए हिंदू पक्ष की ओर से नियमित मांग की जा रही है। वहीं पूरे परिसर में हिंदू मंदिर के साक्ष्‍य मिलने के बाद से ही परिसर को हिंदुओं को सौंपने की मांग की गई है। लिहाजा दोनों ही मांगों के संदर्भ में अदालत में सुनवाई होनी थी। 

तीनों मामलों में तीन अलग तिथियां : अधिवक्‍ता के निधन होने की वजह से तीनों मामलों में क्रमश: 11 अक्‍टूबर, 28 अक्‍टूबर और तीन नवंबर की तिथियां अदालत ने दी हैं। किरन सिंह के मामले में 11 अक्‍टूबर को अदालत सुनवाई करेगी। विश्‍व हिंदू सेना के अध्‍यक्ष विष्‍णु गुप्‍ता के मामले में प्रार्थना पत्र पर 28 अक्‍टूबर को सुनवाई होगी। जबकि शंकराचार्य स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद के प्रार्थना पत्र पर जहां तीन नवंबर को सुनवाई होगी।

यह भी पढ़ें Gyanvapi Masjid में मिले शिवलिंग के कार्बन डेटिंग को लेकर अदालत सुना सकती है फैसला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.