Gyanvapi Case: ज्ञानवापी प्रकरण में अखिलेश यादव व ओवैसी के खिलाफ लंबित याचिका पर सुनवाई 7 जुलाई को
Gyanvapi Case ज्ञानवापी प्रकरण में शिवलिंग को लेकर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कुछ अन्य नेताओं ने गलत बयानबाजी की थी। इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई थीं। इस मामले में अब 7 जुलाई को सुनवाई होगी।

वाराणसी, जेएनएन। ज्ञानवापी के वजूखाने में गंदगी करने और नेताओं की बयानबाजी को लेकर निचली अदालत के आदेश के खिलाफ लंबित पुनरीक्षण याचिका पर शनिवार को अपर जिला जज (नवम) की अदालत में सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की ओर से एहतेशाम आब्दी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ओर से अनुज यादव एडवोकेट, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल बागी, संयुक्त सचिव सैयद मो.यासीन, सचिव अब्दुल बातिन नोमानी की ओर से श्रीनाथ त्रिपाठी अदालत में उपस्थित हुए।
सभी ने निगरानी याचिका की प्रति उपलब्ध कराने की अदालत से मांग की। अदालत ने विपक्षियों की मांग को स्वीकार करते हुए याचिका की प्रति उन्हें उपलब्ध कराने निगरानीकर्ता हरिशंकर पांडेय को आदेश दिया। अदालत ने अग्रिम सुनवाई के लिए सात जुलाई की तिथि मुकर्रर कर दी।
बीते तीन जून को अदालत ने विपक्षियों को जारी नोटिस का जवाब प्रस्तुत करने का अवसर देते हुए सुनवाई के लिए 17 जून की तिथि नियत की थी। अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव एवं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दिए गए बयान को हेट स्पीच की श्रेणी में मानते हुए एसीजेएम पंचम (एमपी-एमएलए) की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।
आरोप लगाया था कि इन नेताओं ने अमर्यादित एवं गैर कानूनी बयान देकर हिंदू समाज के प्रति घृणा फैलाने का आपराधिक कृत्य किया है। अदालत ने 14 फरवरी 2023 को हरिशंकर पांडेय की इस प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ चार मार्च को हरिशंकर पांडेय ने जिला जज की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी। इस याचिका की अपर जिला जज (नवम) की अदालत में सुनवाई चल रही है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।