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    Gyanvapi Masjid Case : मुस्लिम पक्ष को अदालत की फटकार, छह अक्‍टूबर से नियमित होगी सुनवाई

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Tue, 13 Sep 2022 02:56 PM (IST)

    Vazukhana of Gyanvapi Masjid एडवोकेट कमिश्‍नर के सर्वे की कार्रवाई के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूजन अर्चन को लेकर अदालत में स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद की याचिका और हिंदू महिला वादी पर मंगलवार की दोपहर सुनवाई हुई।

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    Gyanvapi Masjid : शिवलिंग के नियमित पूजन अर्चन की मांग पर सुनवाई।

    वाराणसी, जागरण संवाददाता। वादी किरन सिंह के एक वाद में ज्ञानवापी परिसर को लेकर मुकदमा नंबर 712/2022 भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में अदालत ने मुस्लिम पक्ष को कड़ी फटकार लगाई है। सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में उपरोक्त मुकदमे में मंगलवार की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने अपने अधिवक्ता के बीमार होने की जानकारी दी। बीमारी की वजह से न्यायालय से जवाब फाइल करने के लिए दोबारा समय मांगा। जिस पर न्यायालय ने फटकार लगाते हुए उन्हें छह अक्टूबर तक का समय दे दिया।

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    वहीं न्यायालय ने अंतिम चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि छह अक्टूबर से उपरोक्त केस में प्रतिदिन सुनवाई प्रारंभ की जाएगी। यदि छह अक्टूबर तक मुस्लिम पक्ष ने अपना जवाब फाइल नहीं किया तो उनका अवसर समाप्त करते हुए न्यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। एक दिन पूर्व ही सोमवार को अदालत ने वाद को सुनवाई के योग्‍य पाते हुए मुस्लिम पक्ष की आपत्तियों को दरकिनार कर मामले की सुनवाई जारी रखने पर फैसला हिंदू पक्ष को दिया है। अब ठीक दूसरे दिन वजूखाने में मिले शिवलिंग के दर्शन पूजन और अर्चन सहित भोग को लेकर वाद पर सुनवाई होने जा रही है।  

    अब छह अक्‍टूबर से इस मामले की नियमित सुनवाई होने की जानकारी अदालत ने देते हुए मुस्लिम पक्ष को लगभग एक पखवारे से अधिक का मौका तैयारी को लेकर दिया है। ऐसे में ज्ञानवापी मामले को लेकर अक्‍टूबर माह में काफी प्रमुख मामलों की सुनवाई नियमित होने से उम्‍मीद जगी है कि जल्‍द ही इस प्रकरण को लेकर वाराणसी की अदालत से कोई आदेश आ सकता है। ऐसे में मुस्लिम पक्ष की ओर से ज्ञानवापी को लेकर हाईकोर्ट में कोई अपील दाखिल न हो जाए इसके लिए हिंदू पक्ष भी हाई कोर्ट में मांग करने की तैयारी में हैं कि बिना उनको सुने अदालत किसी मामले पर फैसला न दे।