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    Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मुकदमे में पक्षकार बनाने के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई जारी, इन्होंने दिया है वादमित्र को हटाने की अर्जी

    Updated: Sun, 01 Jun 2025 08:13 AM (IST)

    ज्ञानवापी मामले में स्वर्गीय हरिहर पांडेय की पुत्रियों ने पक्षकार बनने के लिए अदालत में याचिका दायर की है। उन्होंने वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी को हटाने की भी मांग की क्योंकि वे एक निजी ट्रस्ट के पदाधिकारी हैं। अदालत ने अगली सुनवाई 7 जुलाई को निर्धारित की है। मणिकुंतला तिवारी की पुनरीक्षण याचिका पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी।

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    अदालत ने अगली सुनवाई के लिए तय की सात जुलाई की तिथि

    संवाद सहयोगी जागरण वाराणसी। ज्ञानवापी में नया मंदिर बनाने और हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने को लेकर वर्ष 1991 में दाखिल मुकदमे में पक्षकार बनाने के स्व. हरिहर पांडेय की तीन पुत्रियों की प्रार्थना पत्र शनिवार को सुनवाई हुई।

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    वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद व सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील की बहस पूरी होने के बाद तीनों बहनों की ओर से वकील आशीष कुमार श्रीवास्तव अपना पक्ष रखा। उन्होंने हरिहर पांडेय का विधिक वारिस होने का हवाला देते हुए उक्त वाद में पक्षकार बनाने की अपील की। अपने दलील के समर्थन में विधि व्यवस्था का हवाला दिया।

    इस दौरान आशीष कुमार श्रीवास्तव ने विजय शंकर रस्तोगी को वाद मित्र के पद से हटाने की प्रार्थना पत्र दी। उन्होंने कहा कि विजय शंकर रस्तोगी एक निजी ट्रस्ट के पदाधिकारी हैं और वे इस वाद में पक्षकार नहीं हो सकते। प्राइवेट ट्रस्ट अपने निजी संपत्ति के लिए ही मुकदमा लड़ सकती है, आम जनमानस का नहीं। यह वाद आम हिन्दू जनसामान्य का प्रतिनिधित्व करता है।

    ऐसे में विजय शंकर रस्तोगी आवश्यक व जरुरी पक्षकार नहीं हैं। जबकि वाद के पक्षकार रहे स्व. हरिहर पांडेय की तीनों पुत्रियां आवश्यक व जरुरी पक्षकार हैं। इस प्रार्थना पत्र पर आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने अदालत से समय मांगा। सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) भावना भारतीय ने इसे स्वीकार करते हुए वाद में अगली सुनवाई के लिए सात जुलाई की तिथि मुकर्रर कर दी।

    मणिकुंतला तिवारी की पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई आठ जुलाई को

    संस., वाराणसी: ज्ञानवापी को लेकर लंबित मुकदमे में पक्षकार बनाने की मांग को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) युगल शंभू द्वारा पूर्व में निरस्त किए जाने के खिलाफ स्व. हरिहर पांडेय की पुत्री मणिकुंतला तिवारी की ओर से शनिवार को जिला जज जय प्रकाश तिवारी की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दायर की गई। इस याचिका पर सुनवाई के लिए जिला जज ने आठ जुलाई की तिथि मुकर्रर की है। वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी इस याचिका पर अपना पक्ष रखेंगे।

    बता दें कि हरिहर पांडेय की मृत्यु के बाद उनकी पुत्रियों मणिकुंतला तिवारी एवं अन्य ने उक्त मुकदमे में पक्षकार बनाने से संबंधित सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) की अदालत में रिकॉल प्रार्थना पत्र दी थी। सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) युगुल शंभू की अदालत ने 11 फरवरी 2025 को इस प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया था।

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