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    सोनभद्र में गुलाब की मेहनत ने बेखेरी खुशबू, बंजर जमीन पर उगे रंग-बिरंगे पेड़ पौधे

    By saurabh chakravartiEdited By:
    Updated: Mon, 09 Nov 2020 06:22 PM (IST)

    अगर पौधे नहीं होंगे तो न जल होगा और ना ही कल होगा। पेड़ों की इसी महत्ता को समझते हुए डाला क्षेत्र के कोटा ग्राम पंचायत के जारंगाखाड़ी निवासी गुलाब ने नौ बीघे बंजर भूमि पर पूरी बागवानी तैयार कर दी।

    सोनभद्र के चोपन ब्लाक में जरंगाखाड़ी स्थित अपनी बगिया में पुत्र के साथ गुलाब।

    सोनभद्र [राजकिशोर गुप्ता]। हरे भरे पेड़-पौधे जीवनदायी होते हैं। इनके बगैर पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है। अगर पौधे नहीं होंगे तो न जल होगा और ना ही कल होगा। पेड़ों की इसी महत्ता को समझते हुए डाला क्षेत्र के कोटा ग्राम पंचायत के जारंगाखाड़ी निवासी गुलाब ने नौ बीघे बंजर भूमि पर पूरी बागवानी तैयार कर दी। वह पिछले 26 वर्षों से इसी काम में लगे हुए हैं। अब तक वे एक हजार से अधिक पौधे लगा चुके हैं। इसमें फलदार के साथ ही इमारती लकडिय़ों वाले पौध शामिल हैं।

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    विकास खंड चोपन के घनी आबादी वाले कोटा ग्राम पंचायत का सर्वाधिक भू-भाग घनघोर जंगलों व उच्चे पहाड़ों से आच्छादित है। कटते पेड़ व सिमटते जंगलों को बचाने की मुहिम में जुटे जरंगाखाड़ी निवासी किसान गुलाब क्षेत्रीय लोगों के लिए मिसाल बने हैं। अपने जीवन का 26 वर्ष बंजर भूमि को हराभरा बनाने में गुजार दिए। अब वे 71 वर्ष से भी अधिक उम्र के पड़ाव पर पहुंच चुके हैं। इसके बाद भी वे अपने ग्रीन मिशन कार्य में बराबर लगे रहते हैं। गुलाब ने बताया कि उनकी बगिया एक-दो बीघे कि नहीं बल्कि लगभग नौ बीघे के क्षेत्रफल में फैली हुई है। उन्होंने बताया कि पहाड़ी इलाका होने के चलते मेरी नौ बीघे भूमि पर कुछ नहीं होता था। वह पूरी तरह से बेकार पड़ी थी। इसी बीच मेरे मन में आया कि इस भूमि पर पौधों का रोपण कर उसे हरा भरा बनाने का संकल्प लिया, जो आज भी जारी है। कहा कि बगिया में लगा एक-एक पौधा उनकी गाढ़ी कमाई से मिले रुपये से खरीद कर लगाया गया है। एक बगिया में एक हजार से भी अधिक की संख्या में पौधे रोपित कि किए गए हैं। वर्षांत के पूर्व वे हमेशा गड्ढे को स्वयं खोदकर तैयार रखते हैं इसके बाद खोदे गए गड्ढों में पौधे रोपित कर देते हैं। उसी बाग में 500 मीटर लंबे व 350 मीटर चौड़े क्षेत्रफल में लगी गुलाब की हरी-भरी बगिया देखते ही बनती है। उन्होंने बताया कि उनकी बगिया में गैर प्रदेशों में उत्पादित होने वाले फल सेब, संतरा, चीकू, अनार, लीची, अनानास, कीवी जैसे कीमती फलदार पौधे भी उनकी बगिया में उप्लब्ध हैं।

    बगिया में लगाए गए हैं पौधे

    लंबे-चौड़े बाग में लगे फलदार पौधों में लगभग अमरूद, महुआ, इमली, आम, जामुन, नींबू, कटहल, शरीफा, करौंदा, बहेरा, पपीता, सौसमी, केला, बैर, मुगईचा समेत छायादार व इमारती लकडिय़ों के पौधे भी लगे हैं।