Gyanvapi Survey: मस्जिद पक्ष के प्रार्थना पत्र पर 19 अगस्त को आएगा कोर्ट का आदेश, जानिए क्या है मांग
वाद पत्र में वर्णित दस्तावेजों की मांग करते हुए कहा गया कि इनका अवलोकन किए बिना जवाबदेही दाखिल करना संभव नहीं है। वादी पक्ष ने अपनी आपत्ति में कहा कि जो भी साक्ष्य दिए गए हैं वह सार्वजनिक व ऐतिहासिक है। इसे कमेटी खुद प्राप्त कर सकती है। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश के लिए तिथि तय कर दी।

संवाददाता, वाराणसी: ज्योतिर्लिंग आदिविश्वेश्वर विराजमान की ओर से बड़ी पियरी निवासी अधिवक्ता अनुष्का तिवारी व इंदू तिवारी द्वारा दाखिल वाद की सुनवाई मंगलवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) आकाश वर्मा की अदालत में हुई। इसमें मस्जिद पक्ष की ओर से वाद में वर्णित दस्तावेजों को उपलब्ध कराने की मांग के प्रार्थना पत्र पर आदेश सुरक्षित करते हुए 19 अगस्त की तिथि तय की है।
वाद में ज्ञानवापी स्थित भगवान का मालिकाना हक घोषित करने, केंद्र व राज्य सरकार से भव्य मंदिर का निर्माण में सहयोग करने एवं वर्ष 1993 में कराई गई बेरिकेडिंग को हटाने की मांग की गई है। मस्जिद पक्ष की ओर से पांच जनवरी को प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था।
इसमें वाद पत्र में वर्णित दस्तावेजों की मांग करते हुए कहा गया कि इनका अवलोकन किए बिना जवाबदेही दाखिल करना संभव नहीं है। वादी पक्ष ने अपनी आपत्ति में कहा कि जो भी साक्ष्य दिए गए हैं वह सार्वजनिक व ऐतिहासिक है। इसे कमेटी खुद प्राप्त कर सकती है।
अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश के लिए तिथि तय कर दी। इसी अदालत में बजरडीहा निवासी विवेक सोनी और चितईपुर निवासी जयध्वज श्रीवास्तव की ओर से दायर वाद पर भी सुनवाई हुई। इसमें अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 22 अगस्त की तिथि तय की है।
बीते वर्ष मई में ज्ञानवापी परिसर में हुई एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मिले शिवलिंग को विश्वेश्वरनाथ ज्योतिर्लिंग बताते हुए पूजा-पाठ, भोग-प्रसाद, मंगला आरती आदि धार्मिक कार्य में किसी भी तरह का अवरोध उत्पन्न न करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
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