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    Gyanvapi Masjid Case : अखिलेश-ओवैसी के विवादित टिप्‍पणी के मामले में एक नवंबर को आ सकता है आदेश

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Wed, 19 Oct 2022 08:46 AM (IST)

    Gyanvapi Masjid Case Decision वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में विवादित बोल को लेकर अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ विवादित टिप्‍पणी के मामले में वाद दाखिल करने के मामले में अदालत का आदेश अब एक नवंबर को आने की उम्‍मीद है।

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    ज्ञानवापी पर अखिलेश-ओवैसी मामले में आदेश का इंतजार जारी है।

    वाराणसी, जागरण संवाददाता।  Order may come in Akhilesh yadav and Asaduddin Owaisi case : वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अदालत में एक अहम मामले में अदालत का आदेश आने की उम्‍मीद जताई जा रही थी लेकिन अदालत ने एक नवंबर की तारीख दे दी। दरअसल इस मामले में अदालत में सभी पक्षों की सुनवाई हो चुकी है। ऐसे में अदालत की ओर से सिर्फ आदेश की ही अपेक्षा की जा रही है। दरअसल ज्ञानवापी के मामले में अब तक दो वादों पर अदालत निर्णय सुना चुकी है। ऐसे में इस मामले में भी सुनवाई पूरी होने के बाद फैसले की उम्‍मीद की जा रही है। वहीं इसी मामले में अदालत एक दिन पूर्व निर्णय सुरक्षित रख चुकी है। 

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    दरअसल ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग के पास गंदगी फैलाने और उस पर बयानबाजी कर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए वाराणसी के रामेश्वर निवासी अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की ओर से वाद दाखिल किया गया है। आरोप है कि ज्ञानवापी हिंदुओं की आस्‍था का केंद्र है और उस पर अनर्गल टिप्‍पणी करके अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी ने जन भावना को भड़काने का काम किया है। इस मामले में अदालत में 156 (3) में दोनों ही राजनेताओं पर मुकदमा दर्ज करने के लिए सुनवाई चल रही थी।    

    इस मामले में लगभग चार माह पूर्व एसीजेएम पंचम की अदालत में वाद दाखिल किया गया था। इस वाद में मुकदमा अदालत द्वारा सुनने योग्य है अथवा नहीं, इस पर दोनों ही पक्षों की ओर से सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब मंगलवार को इस मामले में आदेश आने की उम्‍मीद की जा रही है। याचिकाकर्ता हरिशंकर पांडेय ने अनर्गल बयान देने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सांसद असदुद्दीन ओवैसी समेत इसी मामले में शहर काजी और मस्जिद के मौलवी पर भी मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

    अदालत का निर्णय अगर पक्ष में आता है तो संबंधित पक्षों पर अभियोग पंजीकृत करने का अदालत आदेश दे सकती है। ऐसे में इस मामले में फैसले का इंतजार अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी भी कर रही है, क्‍योंकि मस्जिद की देखरेख का जिम्‍मा वही उठा रही है। वहीं इस मामले में अदालत के आदेश को लेकर सुबह से ही गहमागहमी बनी हुई थी।