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    ज्ञानवापी प्रकरण में जिला जज ने सुनवाई की अगली तिथि तीन दिसंबर मुकर्रर की

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Thu, 20 Nov 2025 06:23 PM (IST)

    वाराणसी में ज्ञानवापी मामले से जुड़े कई मुकदमों पर जिला जज संजीव शुक्ला की अदालत में सुनवाई हुई। मां श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन की अनुमति और तहखानों के एएसआई सर्वे की मांग पर पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति पेश करने के लिए समय मांगा। अदालत ने अगली सुनवाई 3 दिसंबर को तय की। तालाब के ताले पर सुनवाई जारी है, और अन्य धार्मिक कार्यों की अनुमति पर भी विचार चल रहा है।

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    पक्षकार बनाने के लिए जय प्रकाश रामचंद्र राजभर ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है जिसपर सुनवाई विचाराधीन है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। ज्ञानवापी स्थित मां श्रृंगार के नियमित दर्शन-पूजन की इजाजत देने व किरण सिंह की ओर से बंद तहखानों का एएसआइ सर्वे करने की मांग समेत अन्य मुकदमों की गुरुवार को जिला जज संजीव शुक्ला की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान पक्षकारों ने ज्ञानवापी को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में लंबित याचिका में पारित आदेश की प्रति प्रस्तुत करने के लिए समय मांग की।

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    इसपर जिला जज ने उक्त सभी मामलों में अगली सुनवाई के लिए तीन दिसंबर की तिथि मुकर्रर कर दी। ज्ञानवापी के तालाब को सील बंद करने के लिए लगाए गए ताला पर लगे कपड़ों को बदलने के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हो रही है। मां श्रृंगार गौरी के पूजा-पाठ करने को लेकर राखी सिंह समेत पांच महिलाओं की ओर से दाखिल वाद में पक्षकार बनाने के लिए जय प्रकाश रामचंद्र राजभर ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है जिसपर सुनवाई विचाराधीन है।

    ज्ञानवापी परिसर में उर्स,चादर,गागर समेत अन्य धार्मिक कार्यों की मांग को लेकर लोहता निवासी मुख्तार अहमद अंसारी की ओर से दाखिल वाद में सिविल जज (सीनियर डिवीजन फ़ास्ट ट्रैक) भावना भारतीय की अदालत ने आठ जनवरी की तिथि नियत कर दी। इस वाद की मूल पत्रावली विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) की अदालत में स्थानांतरित होने के कारण सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) की अदालत में सुनवाई नहीं हो सकी।

    ज्ञानवापी परिसर स्थित कब्रों पर उर्स एवं अन्य धार्मिक कार्य करने की इजाजत देने को लेकर लोहता निवासी मुख्तार अहमद अंसारी की ओर से दाखिल वाद में रंजना अग्निहोत्री समेत पांच लोगों को पक्षकार बनाने के सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) के आदेश के खिलाफ लंबित पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) अवधेश कुमार की अदालत ने 15 दिसंबर की तिथि निर्धारित कर दी है।