Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Gyanvapi Survey: सबूतों को संरक्षित करने की मांग पर आज आ सकता है आदेश, जिला जज के पास फैसला सुरक्षित

    Gyanvapi Survey ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मिले धार्मिक और ऐतिहासिक साक्ष्यों को संरक्षित करने और परिसर में प्रवेश करने वालों की संख्या सीमित करने की मांग को लेकर दाखिल ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मुकदमे की वादी राखी सिंह के प्रार्थना पत्र पर मंगलवार को जिला अदालत में सुनवाई हुई। जिजा जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Wed, 13 Sep 2023 10:32 AM (IST)
    Hero Image
    साक्ष्यों को संरक्षित करने की मांग पर आज आ सकता है आदेश, जिला जज के पास फैसला सुरक्षित

    जागरण संवाददाता, वाराणसी: ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मिले धार्मिक और ऐतिहासिक साक्ष्यों को संरक्षित करने और परिसर में प्रवेश करने वालों की संख्या सीमित करने की मांग को लेकर दाखिल ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मुकदमे की वादी राखी सिंह के प्रार्थना पत्र पर मंगलवार को जिला अदालत में सुनवाई हुई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जिजा जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। वह 13 सितंबर बुधवार को सुनवाई में आदेश सुना सकते हैं।

    इसे भी पढ़ें: इस वजह से टल गई Gyanwapi के दो मुकदमों की सुनवाई, जानें क्या है लेटेस्ट अपडेट

    जिला अदालत में बीते सोमवार को शृंगार गौरी मुकदमे की चार अन्य वादी रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी, सीता साहू की ओर से दाखिल अर्जी पर मस्जिद पक्ष की ओर से आपत्ति दाखिल की गई। इस मामले की सुनवाई भी आज बुधवार को होगी।

    चारों वादियों ने भी अपने प्रार्थना पत्र में ज्ञानवापी में मिले साक्ष्यों को संरक्षित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट को आदेश देने की अदालत से मांग की है। इस मामले में मस्जिद पक्ष से आपत्ति दाखिल की है।

    साक्ष्यों को सुरक्षित रखने के लिए मालखाने का किया जाना चाहिए उपयोग

    हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया- एएसआई द्वारा मिले साक्ष्यों को सुरक्षित रखने के लिए मालखाने का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होने आगे कहा मुस्लिम पक्ष ने मलबे को लेकर कई तरह की आपत्तियां जताई हैं। जबकि एएसआई ने बताया है कि सर्वे के दौरान किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होगा।

    सुभाष नंदन ने कहा- ज्ञानवापी परिसर मलबे से भरा है और इससे सर्वे करने में बाधा उत्पन्न हो रही हैं। पहले दूसरा पक्ष मलबा हटाने को राजी था लेकिन अब वह मलबा नहीं हटाने दे रहा है। इन सभी बिंदुओं पर आज जिला अदालत में सुनवाई है।

    हिंदू पक्ष के वकील ने आगे कहा- कि हमें नहीं लगता है कि सर्वे चार माह में समाप्त हो जाएगा, अदालत को इन सभी बिंदुओं पर स्पष्ट फैसला देना चाहिए।