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    Gyanvapi Case: ज्ञानवापी में थ्रीडी इमेज से खंगाला गया पश्चिमी दीवार का अतीत, आभासी तस्वीरें की गईं तैयार

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Wed, 09 Aug 2023 08:05 AM (IST)

    Gyanvapi Case मंदिर पक्ष के वकील सुभाषनंदन चतुर्वेदी व सुधीर त्रिपाठी के अनुसार पश्चिमी दीवार की थ्रीडी इमेज तैयार करने के लिए टीम ने कई जगहों पर डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) स्थापित किया। मशीन से जुड़े टैबलेट पर दीवार के हर हिस्से को हूबहू उतारा गया। बचे हुए जो हिस्से नजर आते हैं उनको हाइलाइटेड किया और टूटे हुए हिस्से को आभासी इमेज बनाकर उनसे जोड़ा।

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    ज्ञानवापी में थ्रीडी इमेज से खंगाला गया पश्चिमी दीवार का अतीत, आभासी तस्वीरें की गईं तैयार

    जागरण संवाददाता, वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के पांचवें दिन मंगलवार को एएसआइ की टीम का ध्यान पश्चिमी दीवार पर केंद्रित रहा। पुराविशेषज्ञों ने उसकी थ्रीडी इमेज (त्रिआयामी छवि) तैयार की। इसके टूटे हिस्सों की डिजिटल इमेज को वहां मौजूद हिस्से से मेल कराते हुए मंदिर जैसा आकार दिया गया।

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    जानने की कोशिश की गई कि दीवार वर्तमान में मौजूद इमारत का हिस्सा है या किसी प्राचीन मंदिर का अवशेष। इमारत के शीर्ष और उसके नीचे मौजूद शिखर जैसी आकृति की जांच, व्यास जी के कमरे से मलबा निकालने और उसमें मिल रही पत्थर की आकृतियों की जांच जारी है।

    मंदिर पक्ष के वकील सुभाषनंदन चतुर्वेदी व सुधीर त्रिपाठी के अनुसार, पश्चिमी दीवार की थ्रीडी इमेज तैयार करने के लिए टीम ने कई जगहों पर डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) स्थापित किया। मशीन से जुड़े टैबलेट पर दीवार के हर हिस्से को हूबहू उतारा गया। बचे हुए जो हिस्से नजर आते हैं, उनको हाइलाइटेड किया और टूटे हुए हिस्से को आभासी इमेज बनाकर उनसे जोड़ा।

    इससे यह समझने की कोशिश की गई कि पूरी दीवार वास्तव में दिखती कैसी होगी। यह भी समझने का प्रयास हुआ कि दीवार मौजूदा इमारत की बनावट से मेल खाती है या किसी मंदिर की बनावट से।

    दो पालियों में पूरी की गई कार्रवाई

    सर्वे की कार्रवाई मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम पांच बजे तक दो पालियों में चली। सर्वे टीम को पश्चिमी दीवार पर ढेरों आकृतियां मिली हैं। सभी की वीडियो व फोटोग्राफी की गई। जो क्षतिग्रस्त हो गई हैं, उनका मिलान सुरक्षित बची आकृतियों से किया गया। इस तरह यह जानने की कोशिश हुई कि आकृतियां एक ही कालखंड की हैं या अलग-अलग।

    सर्वे टीम को पश्चिमी दीवार पर कई जगह हाथी के सूड़, स्वास्तिक, त्रिशूल, पान के पत्तों जैसी आकृति उभरी हुई दिखी। घंटियों की श्रृंखला, कमल के फूल जैसी आकृतियां भी मिली हैं। इसके साथ दो बड़े खंभे और टूटे हुए आर्क जैसी आकृति भी है। इनके दाहिनी तरफ जिग-जैग दीवारे हैं जो बीच से ही खंडित हैं।