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    ज्ञानवापी के 7 मामलों की हियरिंग, सीलबंद तालाब पर लगे ताला का कपड़ा बदलने पर सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी 

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 08:49 AM (IST)

    वाराणसी में, ज्ञानवापी मामले से जुड़े सात मुकदमों की सुनवाई जिला जज की अदालत में हुई, जिसमें श्रृंगार गौरी की पूजा का मामला भी शामिल था। अदालत ने तालाब के ताले पर लगे कपड़े को बदलने के मुद्दे पर विचार किया, जिस पर अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी। अंजुमन इंतेजामिया ने कपड़े बदलने पर आपत्ति जताई है। एक अन्य मुकदमे में निगरानी याचिका पर सुनवाई 1 नवंबर को होगी।

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    जागरण संवाददाता, वाराणसी। ज्ञानवापी स्थित मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग समेत सात मुकदमों की सुनवाई शुक्रवार को जिला जज संजीव शुक्ला की अदालत में हुई। जिला जज ने अदालत में उपस्थित सभी पक्षों से मुकदमों की पत्रावलियों व लंबित प्रार्थना पत्रों के बारे में जानकारी ली।

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    साथ ही ज्ञानवापी के मुकदमे सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने के लिए वकील विष्णु शंकर जैन की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र की वस्तुस्थिति के बारे में जाना। ज्ञानवापी स्थित तालाब (वुजूखाना) को सील करने में लगे ताले पर लगे कपड़े को बदलने की मांग को लेकर लंबित प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करने की अपील चारों वादी महिलाओं के वकील सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी, दीपक सिंह ने की।

    अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से वकील एखलाक अहमद, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील तौहीद खान ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही तालाब सील किया गया है। शासन की ओर से नियुक्त विशेष वकील राजेश मिश्र ने अदालत को बताया कि ज्ञानवापी की संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर ताले पर लगा सीलबंद कपड़ा बदलना जरूरी है।

    इस पर अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश व सभी पक्षों को विचारों को जानने के बाद आम सहमति बनाने की बात कही। सभी मामलों की सुनवाई के लिए अगली तारीख 29 अक्टूबर तय की है। एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान 16 मई 2022 में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की पुष्टि के बाद ज्ञानवापी परिसर के तालाब को सीलबंद करने के लिए ताला लगाने के बाद उस पर कपड़ा लपेटकर सीलबंद किया गया था।

    बीते आठ अगस्त को राज्य सरकार की ओर से नियुक्त विशेष वकील राजेश मिश्रा ने कपड़े के नष्ट होने के कारण नए कपड़े लगाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। अंजुमन इंतेजामिया ने इस पर आपत्ति की है। ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण व हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने की मांग को लेकर 1991 में दाखिल मुकदमे में उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड व अंजुमन इंतेजामिया की ओर से क्षेत्राधिकार को लेकर दाखिल निगरानी याचिका पर सुनवाई अब एक नवंबर को होगी।

    ज्ञानवापी में भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण सर्वे कराने के सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) आशुतोष तिवारी के निर्णय के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया और उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने जिला जज की अदालत में निगरानी याचिका दायर की है।