Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ज्ञानवापी प्रकरण में हर्जाने के साथ अदालत ने स्वीकार की अपील, अगली सुनवाई अब 12 नवंबर को

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Fri, 07 Nov 2025 08:59 PM (IST)

    वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले में, जिला अदालत ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की आपत्ति को खारिज करते हुए हिंदू पक्ष की अपील स्वीकार कर ली है। अदालत ने हर्जाने के साथ अपील स्वीकार की है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।

    Hero Image

    अदालत ने शुक्रवार को पांच सौ रुपया हर्जाने के साथ स्वीकार कर लिया।

    जागरण संवाददाता,वाराणसी। ज्ञानवापी में नए मंदिर बनाने और हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने को लेकर वर्ष 1991 में दाखिल मुकदमे में दस्तावेजों को संलग्न करने की दिवंगत हरिहर पांडेय की बेटियों की अपील को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) भावना भारतीय की अदालत ने शुक्रवार को पांच सौ रुपया हर्जाने के साथ स्वीकार कर लिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुकदमे में पक्षकार बनाने और वरिष्ठ अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी को वादमित्र के पद से हटाने की लंबित प्रार्थना पत्र की सुनवाई के दौरान बीते तिथि पर दिवंगत हरिहर पांडेय की बेटियों की ओर से वकील अशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा अदालत में एक प्रार्थना पत्र दिया गया था।

    उक्त प्रार्थना पत्र में विजय शंकर रस्तोगी के सहायक शासकीय अधिवक्ता रहते हुए उनके शासकीय कार्यों को लेकर जिलाधिकारी व शासन स्तर से की गई कार्रवाई की जिक्र करते हुए पारित आदेश की दस्तावेजों को मुकदमे में संलग्न करने की अपील की।

    प्रार्थना पर दलील सुनने के बाद अदालत ने दस्तावेजों की स्वीकार्यता पर आदेश के लिए सात नवंबर की तिथि तय मुकर्रर की थी। सुनवाई के दौरान विजय शंकर रस्तोगी ने तीनों बहनों के वकील की ओर से लगाए गए आरोपों को निराधार और गलत बताते हुए जिला प्रशासन और हाईकोर्ट में उनकी ओर से दाखिल याचिका से अवगत कराया। साथ ही सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) के आदेश को लेकर दो अदालतों में प्रार्थना पत्र देने पर तीनों बहनों पर सवाल उठाया गया।

    कहा गया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) के 11 जुलाई के पारित आदेश के बाद तीनों बहनों की ओर से इसी अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है वहीं उसी आदेश के खिलाफ जिला जज की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दाखिल किया है। इसकी प्रति को भी मुकदमे के दस्तावेज में शामिल करने की मांग की।

    बता दें कि हरिहर पांडेय की पुत्रियों ने दिवंगत पिता के स्थान पर पक्षकार बनाने का प्रार्थना पत्र दिया था। उनकी ओर से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी को पद से हटाने की मांग करते हुए दूसरा प्रार्थना पत्र दिया गया। सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) ने दोनों प्रार्थना पत्रों को 11 जुलाई को निरस्त कर दिया था।

    इसके बाद तीनों बहनों ने प्रार्थना पत्र में संशोधन के लिए इसी अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। अदालत ने सुनवाई के लिए 12 नवंबर की तिथि मुकर्रर की है। उस दिन वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी और हरिहर पांडेय की बेटियों की प्रार्थना पत्र पर सुनवाई होगी।