GST-2.0 शुरू, जीएसटी अधिकारी ने ग्राहकों के लिए बताया पूरा गणित, चुनौतियों के लिए भी रहें तैयार
वाराणसी में जीएसटी 2.0 लागू होने से आम और खास लोगों को राहत मिली है। नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही बाजार में तेजी आने की उम्मीद है। सरकार ने उपभोक्ताओं की शिकायतों के निवारण के लिए हेल्पलाइन नंबर और पोर्टल जारी किया है। व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के लिए भी विभाग तैयार है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। आम से खास तक को राहत प्रदान करने के लिए सरकार ने जीएसटी दर में कटौती की है। जीएसटी-2.0 रविवार की रात 12 बजे से ही लागू कर दिया गया। इसके साथ ही नवरात्रि की भी शुरुआत हो गई है। ऐसे में विगत कई माह से धीमे चल रहे बाजार को नया बूस्ट अप भी मिल गया, जिसका उद्यमी, व्यापारी व ग्राहक 15 अगस्त से ही इंतजार कर रहे थे, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक लालकिले से आम लोगों को त्योहारों में तोहफा देने की घोषणा की थी।
पिछले दिनों जीएसटी काउंसिल ने सभी राज्यों के साथ बैठक करने के बाद जीएसटी की नई दरों को लागू करने की घोषणा भी कर दी। भले ही तिथि के अनुसार रात को ही नई दर लागू हो गई, लेकिन आज सुबह से लोग घरों में पूजा पाठ करने के बाद बाजार की ओर रूख करेंगे। नवरात्र में पूजा पाठ सबसे अधिक आटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक्स, सराफा आदि सेक्टर में खरीदारी होती है। इसलिए आज से जीएसटी विभाग के सामने इसे लागू करने की चुनौती भी।
वैसे केंद्र सरकार ने संशोधित जीएसटी दरों से संबंधित शिकायतों के और उनके निवारण के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के 'इनग्राम' पोर्टल (https://consumerhelpline.gov.in) भी जारी किया है। कारण कि कुछ व्यापारी घटी दरों की जगह महंगे दामों में भी चीजों को बिक्री करने से बाज नहीं आएंगे। ऐसे में विभाग, व्यापारी व उपभोक्ता हितों व तैयारियों को लेकर एसजीएसटी यानी राज्यकर विभाग वाराणसी द्वितीय जोन के अपर आयुक्त (ग्रेड-1) मिथिलेश कुमार शुक्ल से बात की दैनिक जागरण वाराणसी के वरिष्ठ संवाददाता मुकेश चंद्र श्रीवास्तव ने। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश...
22 सितंबर से जीएसटी-2.0 लागू हो रहा है। इसे आप किस तरह देखते हैं?
- सरकार ने एक पोर्टल लांच किया है जिस पर लोग 22 सितंबर से लागू होने वाली नई दरों से पहले और बाद में उत्पादों की कीमतों की तुलना कर सकते हैं। सरकार की ओर से शुरू की गई वेबसाइट http:savingwithgst.in कीमतों की तुलना को आसान बनाती है। इसमें कई श्रेणियां खाद्य पदार्थ, स्नैक्स, घरेलू सामान, इलेक्ट्रानिक्स, रसोई के सामान और जीवन शैली से जुड़ी चीजें शामिल हैं। लोगों को इससे बहुत बड़ी राहत मिलेगी। हजारों सामानों के रेट भी कम हुए हैं।
नई व्यवस्था को लागू कराने में आपके विभाग की ओर से किस तरह की तैयारी की गई है?
- जीएसटी विभाग की ओर से तमाम तैयारियां की गई हैं। केंद्र सरकार ने संशोधित जीएसटी दरों से संबंधित शिकायतों के और उनके निवारण के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के 'इनग्राम' पोर्टल (https://consumerhelpline.gov.in) पर एक समर्पित श्रेणी बनाई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) को जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में अनुमोदित जीएसटी सुधार के अनुरूप बनाने के लिए कदम उठाए हैं। विभाग की ओर से भी टीम तैयार की गई है, जो निगरानी रखेगी। लोग टोल प्री नंबर 1915 पर भी फोन कर सकते हैं।
व्यापारियों में कुछ असमंजस है या उनकी कुछ समस्याएं हैं, उनके समाधान के लिए क्या कदम उठाया जाएगा?
- जीएसटी-2.0 में आम उपभोक्ताओं के साथ ही व्यापारियों के हितों का भी ध्यान रखा गया है। व्यापारियों व उद्यमियों की समस्याओं को दूर करने के लिए लगातार चर्चा चल रही है। अगर किसी को कोई समस्या होती है तो वे सीधे संपर्क भी कर सकते हैं। वहीं संशोधित जीएसटी शुल्कों, दरों और छूटों से संबंधित उपभोक्ताओं के सवालों और शिकायतों को संभालने के लिए 'इनग्राम' (इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रिड्रेसल मैकेनिज्म) पोर्टल पर एक नई, समर्पित श्रेणी शुरू की गई है। इस कैटेगरी में कई प्रमुख सब-कैटेगरी शामिल हैं, जैसे वाहन, बैंकिंग, ई-करमर्स, एफएमसीजी (रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुएं) और अन्य, जिनमें जीएसटी से संबंधित शिकायतें दर्ज की जा सकेंगी।
- निर्देश दिया गया है कि समस्त खंडाधिकारी स्वयं तथा अपने एसी (सहायक आयुक्त) /एसटीओ (राज्य कर आयुक्त) के द्वारा उपरोक्तानुसार जीएसटी रेट रेशनलाइजेशन से हो रहे फायदे के बारे में अपने अपने अधिक्षेत्र के व्यपारियों व जनप्रतिनिधियों के बीच प्रचार प्रसार करना /कराना सुनिश्चित करें।
- समस्त डीसी (उपायुक्त) प्रशासन अपने अपने जिलाधिकारी से मिलकर व्यापार मंडल व उद्योग मंडल की बैठक कराते हुए रेट आफ टैक्स कम होने का प्रचार प्रसार करना शुरू करेंगे। रेट आफ टैक्स के नोटिफिकेशन की कापी जनप्रतिनिधियों को भी देंगे।
- समस्त जेसी (संयुक्त आयुक्त्) कार्यपालक अपने अपने अधिक्षेत्र केमंडलायुक्त से मिलकर मंडलीय व्यापार व उद्योग बन्धु की बैठक कराते हुए रेट आफ टैक्स के कम होने का प्रचार प्रसार करेंगे।
- रेट आफ टैक्स कम होने से संग्रह बढ़ेगा, क्योकि बिक्री बढ़ेगी व रेट इवीजन रूकेगा।
- कंपोजिशन डीलर की रेट आफ टैक्स कम होने से उनकी खरीददारी बढ़ेगी जिससे उनका टर्नओवर बढ़ेगा। वह कंपोजिशन से बाहर आएंगे।
- ग्राहक बिल जरूर ले तभी उनको टैक्स कम होने का लाभ समझ में आएगा।
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