UP News: तनाव मुक्त होंगे GRP जवान, पसंदीदा जगह दी जा रही है तैनाती
GRP राजकीय रेलवे पुलिस प्रशासन के नए आदेश से जवानों में न सिर्फ ऊर्जा का संचार होगा बल्कि अपराधियों से दो-दो हाथ भी करेंगे। अभी तक सैकड़ों किमी. दूर नौकरी करने की मजबूरी होती थी इसलिए सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक तैनाती को दंड समझ बैठते थे।
जागरण संवाददाता, वाराणसी: राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के जवान अब तनाव मुक्त होंगे। उनकी ऊर्जा का शत-प्रतिशत इस्तेमाल करने के इरादे से पसंदीदा तैनाती दी जा रही है। करीब 150 पुलिसकर्मियों को उनकी डिमांड वाली जगह पर तैनाती दी भी जा चुकी है।
राजकीय रेलवे पुलिस प्रशासन के नए आदेश से इन जवानों में न सिर्फ ऊर्जा का संचार होगा, बल्कि अपराधियों से दो-दो हाथ भी करेंगे।
क्यों पड़ी नए बदलाव की जरूरत
जीआरीपी में सिविल पुलिस के ही सिपाही से लेकर एसपी और उनसे ऊपर के अधिकारी सेवाएं देते हैं। अधिकांश पुलिसकर्मियों को देर-सबेर यहां तैनाती मिलती ही है।
चूंकि, पूरा प्रदेश छह अनुभाग में बंटा है, इसलिए सैकड़ों किमी. दूर नौकरी करने की मजबूरी होती है।इसलिए सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक तैनाती को दंड समझ बैठते थे।
तैनाती की यह है व्यवस्था
पुलिस के स्थापना विभाग की तैनाती के बाद कर्मचारियों को लखनऊ मुख्यालय में पोस्टिंग मिलती है। यहां से प्रदेश के छह अनुभागों प्रयागराज, मुरादाबाद, लखनऊ, गोरखपुर, आगरा, झांसी में भेजा जाता है। चूंकि एक-एक अनुभाग कई जिलों को समेटे हुए है, इसलिए तैनाती भी उसी मुताबिक सैकड़ों किमी. दूर होती है।
प्रयागराज अनुभाग के जिले
प्रयागराज, कानपुर, जौनपुर, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, मीर्जापुर, फतेहपुर, भदोही
- 89 पुलिसकर्मी प्रयागराज से अपने पसंदीदा जिलों वाले अनुभाग में गए।
- 32 पुलिसकर्मियों को लखनऊ अनुभाग से प्रयागराज अनुभाग में तैनाती मिली।
इस व्यवस्था को लेकर एसपी रेल, प्रयागराज अनुभाग अष्टभुजा प्रसाद सिंह का कहना है कि-
अपर पुलिस महानिदेशक के निर्णय से पुलिस में नई ऊर्जा का संचार होगा। वैसे तो सिविल पुलिस से जीआरपी में आने पर नौकरी की शर्तों में कोई बदलाव नहीं होता है, लेकिन घर से दूर पोस्टिंग जरूर कर्मियों को खलती है। नई व्यवस्था से कर्मचारियों में नई ऊर्जा का संचार होगा।
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