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    यूपी में 3104 करोड़ की लागत से बनेगा ग्रीनफील्ड फोरलेन, 30 गांवों से खरीदी जाएगी जमीन; केंद्र ने दी मंजूरी

    Updated: Tue, 08 Apr 2025 03:47 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में गाजीपुर से जमानिया होते हुए सैयदराजा (चंदौली) तक 3104 करोड़ की लागत से ग्रीनफील्ड फोरलेन बनेगा। इस परियोजना को पीएम गतिशक्ति पोर्टल से मंजूरी मिल गई है। करीब 41.54 किलोमीटर परियोजना में 1684 करोड़ से सड़क बनेगी जबकि बाकी धनराशि जमीन खरीदने में खर्च की जाएगी। करीब 260 हेक्टेयर भूखंड खरीदनी होगी इसके लिए 30 से अधिक गांवों के किसान प्रभावित होंगे।

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    3,104 करोड़ में बनेगी गाजीपुर-जमानिया-सैयदराजा ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। गाजीपुर से जमानिया होते हुए सैयदराजा (चंदौली) तक वर्तमान सड़क सात मीटर चौड़ी है। अत्यधिक ट्रैफिक की वजह से सड़क पर जाम की समस्या गंभीर है। एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने नया ग्रीनफील्ड हाईवे बनाने की कार्ययोजना स्वीकृत किया है। इस परियोजना को पीएम गतिशक्ति पोर्टल से मंजूरी मिल गई है।

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    करीब 41.54 किलोमीटर परियोजना 3,104 करोड़ रुपये में पूर्ण की जाएगी, इसमें 1,684 करोड़ से सड़क बनेगी जबकि बाकी धनराशि जमीन खरीदने में खर्च की जाएगी। करीब 260 हेक्टेयर भूखंड खरीदनी होगी, इसके लिए 30 से अधिक गांवों के किसान प्रभावित होंगे। इस फोरलेन परियोजना के बनने के बाद गाजीपुर से चंदौली जाने के लिए वाहनों को बनारस नहीं आना होगा, वह इसी रास्ते चंदौली होते हुए बिहार की तरफ जा सकेंगे।

    डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने का कार्य शुरू किया गया है, जल्द ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रवीण कुमार कटियार ने बताया कि डीपीआर बनाने के लिए कहा गया है। शीघ्र ही प्रोजेक्ट के जरिए जनता को फायदा मिलेगा।

    कहां कितनी जमीन खरीदेंगे

    152.22 हेक्टेयर चंदौली

    109.42 हेक्टेयर गाजीपुर

    चौकाघाट से रिंग रोड तक एलिवेटेड सड़क बनाने में एनएचएआइ भी पीछे हटी

    शहर में वरुणा नदी के दोनों छोर पर चौकाघाट से रिंग रोड तक करीब 14 किलोमीटर दो लेन एलिवेटेड सड़क निर्माण के लिए सर्वे कार्य को सफलता नहीं मिली है। मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा ने एनएचएआइ से सर्वे रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन इंजीनियरों को सफलता नहीं मिली। वह लक्ष्य पूर्ण करने से हाथ पीछे खींच लिए हैं। पहले यह काम उत्तर प्रदेश सेतु निगम को सौंपा गया था, लेकिन वह कार्य नहीं कर सके।

    मंडलायुक्त ने बताया कि एनएचएआइ और सेतु निगम से संयुक्त रिपोर्ट मांगी है। अगर वह संयुक्त सर्वे में एलिवेटेड सड़क बनाने की संभावना देखते हैं तो डीपीआर बनेगा अन्यथा प्रोजेक्ट को खत्म करने की दिशा में निर्णय लिया जाएगा।

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