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    Flood in Varanasi: 48 घंटे में 1.07 मीटर घटा गंगा का जलस्तर, लोगों की कठिनाइयां अब भी बरकरार

    Updated: Sun, 11 Aug 2024 10:50 AM (IST)

    गंगा बाढ़ का पानी वरुणा नदी व नालों के माध्यम से तथा तटीय इलाकों बहकर खेतों में फैल गया है। तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी फैलने से लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं वरुणा में पलट प्रवाह से आए उफान के चलते नदी का पानी नालों के रास्ते सारनाथ क्षेत्र के पुराना पुल पुराना पुल पुलकोहना रुप्पनपुर नटुई दनियलपुर सलारपुर चमेलिया बस्ती के दर्जनों घरों में घुस गया है।

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    गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद मणिकर्णिका घाट मार्ग की मंदिर डूबा । जागरण

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। गंगा के जलस्तर में गुरुवार की आधी रात के बाद से शुरू गिरावट का दौर जारी है। शनिवार की शाम छह बजे तक 48 घंटों में जलस्तर में 1.07 मीटर की कमी दर्ज की गई। बावजूद इसके बाढ़ के पानी के तटवर्ती क्षेत्रों में फैल जाने के कारण कठिनाइयों का सिलसिला जारी है।

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    चिरईगांव क्षेत्र में खेतों में गंगा की बाढ़ का पानी चढ़ने से फसलों के नष्ट होने का खतरा बना हुआ है। चौकाघाट तथा सारनाथ के पुराना पुल क्षेत्र में बाढ़ का पानी तटीय मुहल्लों के घरों में घुसने से दर्जनों परिवारों के लाेगों ने राहत शिविरों में शरण ली है।

    इधर गंगा के सभी घाट बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं। गंगा आरती घाटों की छतों पर हो रही है तो मणिकर्णिका पर शवदाह भी घाट की छत तथा हरिश्चंद्र घाट पर गली के मुहाने पर किया जा रहा है।

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    गुरुवार शाम छह बजे 69.34 मीटर रहा जलस्तर शुक्रवार सुबह आठ बजे 69.30 पर आ गया। शाम चार बजे तक यह 69.7 मीटर पर रहा। शनिवार सुबह आठ बजे जलस्तर 68.92 मीटर दर्ज किया गया जो शाम छह बजे तक गिरकर 68.27 मीटर पर आ गया।

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    इससे पीड़ित परिवारों ने बाढ़ राहत शिविर की शरण ली है। चौबेपुर क्षेत्र में गंगा, गोमती व नाद नदी में बाढ़ का पानी आ जाने से धौरहरा, हरिहरपुर, पिपरी, बर्थरा खुर्द, अजाव, गरथौली, रजवाड़ी, गौरा उपरवार आदि गांवों की नदी किनारे बोई गई बाजरा, धान, गन्ना, सब्जी आदि की फसलें डूब गई हैं।

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