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    वाराणसी में फिर से उफान पर गंगा, बढ़े हुए जलस्तर की वजह से बदलना पड़ा गंगा आरती की स्थान; PHOTOS

    Updated: Tue, 30 Jul 2024 09:35 AM (IST)

    सोमवार को बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए आने वाली भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए नौका संचालन पूरी तरह से बंद रहा। दशाश्वमेध ललित घाट प्रयाग घाट मान मंदिर घाट अहिल्याबाई घाट समेत सभी प्रमुख घाटों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था। गंगा के तेजी से बढ़ते जलस्तर की वजह से घाटों पर की गई बैरिकेडिंग गहरे पानी में डूब गई।

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    गंगा के जलस्तर में वृद्धि के वजह से आरती स्थल से 10 फीट पीछे हुई गंगा आरती। गंगा सेवानिधि

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। गंगा का उग्र रूप जिंदगी को मुश्किल में डाल रहा है। जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को नदी का जलस्तर चार घंटे में 24 सेंटीमीटर बढ़ गया। हालात मुश्किल भरे प्रतीत हो रहे हैं। प्रति घंटे छह सेंटीमीटर के हिसाब से बढ़ाव जारी है।

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    खतरे का लेवल 71.26 मीटर है, लेकिन जलस्तर 63.26 मीटर पहुंच चुका है। गंगा खतरे के निशान से आठ मीटर नीचे बह रही हैं। जलस्तर और बढ़ेगा, इसके कारण जलस्तर में निरंतर वृद्धि होने की संभावना है।

    स्थिति यह है कि दशाश्वमेध घाट पर आरती स्थल तक गंगा का पानी पहुंच गया। गंगा सेवा निधि द्वारा की जाने वाली विश्व प्रसिद्ध दैनिक संध्या आरती का स्थान बदला गया है। जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के चलते लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

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    अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया की अपने निर्धारित स्थान से गंगा की आरती दस फीट पीछे कराई जा रही है। जैसे-जैसे मां गंगा का जलस्तर दशाश्वमेध घाट के ऊपर आएगा, वैसे-वैसे मां भगवती की आरती का स्थान परिवर्तित होता रहेगा।

    गंगा में नहीं चलीं नावें, हटानी पड़ीं बैरिकेडिंग

    गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए जल पुलिस व एनडीआरएफ अलर्ट है। नौका संचालन के समय को निर्धारित करने के साथ ही छोटी नावों के संचालन पर रोक लगाई गई है। बड़ी नावें संचालित करने वाले नाविकों को नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया है।

    जल पुलिस प्रभारी मिथिलेश यादव का कहना है कि गंगा का जलस्तर हर पांच घंटे पर लगभग एक फुट तक बढ़ रहा है। नदी के पानी का बहाव का भी तेज है। ऐसे में नौका संचालन व गंगा स्नान में सावधानी जरूरी है। बड़ी नावों को सुबह पांच बजे से शाम छह बजे तक चलने की अनुमति दी गई है।

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    आरती के दौरान किसी भी नाव को दशाश्वमेध घाट पर रुकने नहीं दिया जा रहा है। नाविकों को निर्देश दिया गया है कि नाव पर क्षमता से आधी सवारी बैठाएं। सभी को लाइफ जैकेट पहनाना अनिवार्य है। इसके साथ ही नाव पर बचाव के उपकरण होने के चाहिए। जल पुलिस व एनडीआरएफ की चार टीमें गश्त कर रही हैं। पीएसी के भी सहयोगी लिया जा रहा है।

    इसके चलते बैरिकेडिंग को खोलकर फिर से ऊपर करना पड़ा। भीषण उमस के कारण वृद्घ श्रद्धालु ललिता घाट पर अचेत हो गई थी। उसे प्राथमिक इलाज के बाद नाव से स्वजन लेकर चले गए।