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    G 20 Summit: नई पीढ़ी को मिला वैज्ञानिक‑सांस्कृतिक आकाश, काशी पहुंच उत्साहित दिखे विदेशी मेहमान

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Fri, 18 Aug 2023 01:20 PM (IST)

    जी‑20 के तहत आयोजित वाइ‑20 सम्मेलन के पहले दिन आइआइटी बीएचयू में परम शिवाय सुपर कंप्यूटर की कार्य विधि के बारे में प्रतिभागियों ने जानकारी ली। वहीं रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में वाइ‑ 20 के प्रतिनिधियों के स्वागत में आइआइटी बीएचयू के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया तो विदेशी मेहमान झूम उठे। शुक्रवार को सीएम योगी ने औपचारिक उद्घाटन किया।

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    जी‑20 के तहत आयोजित वाइ‑20 सम्मेलन में उत्साहित दिखे युवा। -जागरण

    वाराणसी, जागरण संवाददाता। यह पुरातन व आधुनिकता का मेल था। विश्व की सबसे प्राचीन जीवित नगरी में दुनिया के 29 देशों के युवा ज्ञान-विज्ञान, अध्यात्म, शांति, संस्कृति से परिचित होते हुए ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के भाव में ओत-प्रोत हुए। सभी एक-दूसरे से परिचित हुए, भारतीय ज्ञान-परंपरा व सांस्कृतिक विविधता को मिलकर जाना। सबने अगले तीन दिनों में ‘साझा भविष्य’ के तहत जलवायु परिवर्तन, लोकतंत्र और शासन में युवा, इंटरनेट मीडिया के दौर में शांति, युद्ध रहित युग की शुरुआत जैसे मुद्दों पर मंथन के लिए स्वयं को तैयार किया।

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    जी-20 शिखर सम्मेलन के अंतर्गत, शैक्षिक कार्यक्रमों को समाहित करते हुए वाई-20 (यूथ 20) का आयोजन किया गया। इसमें जी-20 समूह के सदस्य देशों के अतिरिक्त नौ अतिथि देशों व यूएन के अनेक अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से जुड़े 130 युवा छात्र-छात्राएं यहां पहुंचे हैं। वाई-20 का विधिवत औपचारिक उद्घाटन शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और युवा मामलों के केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने किया, लेकिन इसके पूर्व काशी पहुंची युवाओं की टोली ने पहले दिन काशी भ्रमण कर देश की सांस्कृतिक परंपराओं, विविधताओं और वैज्ञानिक उन्नतियों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

    सबसे पहले आइआइटी बीएचयू पहुंची युवाओं की टोली

    युवाओं की टोली सबसे पहले पहुंची आइआइटी बीएचयू। वहां डीन (शोध एवं अनुसधान) प्रो. विकास कुमार दूबे के नेतृत्व में विज्ञानियों की टीम ने संस्थान में चल रहे विकास कार्यों की जानकारी प्राप्त की। ‘परम शिवाय’ सुपर कंप्यूटर की क्षमता जान आश्चर्यचकित रहे तो अभियांत्रिकी विभाग और माइक्रोबायोलाजी प्रयोगशाला में शोध कार्यों को निकट से देखा। महामना की बगिया काशी हिंदू विश्वविद्यालय को देख छात्र अभिभूत नजर आए। आइआइटी भ्रमण के पश्चात देशी-विदेशी छात्र-छात्राओं का समूह रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पहुंचा। वहां भव्य आडिटोरियोम में विज्ञान, तकनीक व संस्कृति का समन्वय देखा।

    पूरब-पश्चिम के मेल से सजा सत्र

    सांस्कृतिक सत्र में आइआइटी बीएचयू के छात्र-छात्राओं ने भारतीय पारंपरिक नृत्य कला और पश्चिमी संगीत की धुनों का भी प्रदर्शन किया। इस दौरान भारत के विविधतापूर्ण संस्कृति की झलक के प्रदर्शन के क्रम में कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी नृत्यों के प्रदर्शन से सांस्कृतिक विविधता की झलक दिखलाई। भारतीय नृत्य-संगीत पर विदेशी विद्यार्थी झूम उठे।

    तकनीकी सत्र में महामना की थाती से परिचय

    रुद्राक्ष में आयोजित वाई-20 सम्मेलन का शुभारंभ आइआइटी बीएचयू के शोध एवं विकास अधिष्ठाता प्रो. विकास कुमार दूबे ने किया। उन्होंने विदेशी मेहमान छात्रों को संस्थान का इतिहास व महामना मदन मोहन मालवीय के व्यक्तित्व-कृतित्व से परिचित कराया। एसोसिएट डीन डा. संतोष कुमार सिंह ने हालिया खोजों, जैसे- हाइड्रोजन मेंब्रेन जेनरेटर, रिन्युएबल इंटीग्रेशन हाईगेन एसी-एसी मैट्रिक्स कन्वर्टर, हाईगेन हाइब्रिड कन्वर्टर, फाल्ट टालरेंट मशीन, इवी चार्जिंग, पावर इलेक्ट्रानि कन्वर्टर, माइक्रो विंड एनर्जी आदि की जानकारी दी। सह समन्वयक प्लेसमेंट एवं इंटर्नशिप डा. सूर्यदेव यादव ने करियर डेवलपमेंट के बारे में बताया। प्रो. आरके सिंह ने वैकल्पिक ऊर्जा पर चल रहे शोधों की जानकारी दी। छात्रों ने अनेक विज्ञानी उपलब्धियों यथा बेबी केयर रो-रो, आटोनोमस नेविगेशन सिस्टम आदि उपकरणों का प्रदर्शन किया। डा. हरिप्रभात ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर विचार रखे।

    पुरखों की धरोहर सौंपी

    वाई-20 के आयोजन में गुरुवार को अर्जेंटीना की विक्टोरिया हेरैंज का चार पीढ़ियों पुराना गले में पड़ा लाकेट आइआइटी बीएचयू में गिर गया। जानकारी होने के बाद पुलिस ने खोज कर उनको सौंपा तो वह पुलिस के प्रयास से पुरखों की धरोहर पाकर भावुक नजर आए।

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