Furniture Business को लगा लॉकडाउन का फफूंद, वाराणसी में दस हजार कारीगर भुखमरी की कगार पर
कोरोना के कारण फर्नीचर कारोबार को भी काफी नुकसान हुआ है। अचानक लॉकडाउन हो गया जिससे सारे फर्नीचर दुकानों और गोदामों में पड़े रह गए।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना के कारण फर्नीचर कारोबार को भी काफी नुकसान हुआ है। आमतौर पर मांगलिक आयोजनों के सीजन में फर्नीचरों की सर्वाधिक बिक्री होती है। कारण कि ग्रामीण क्षेत्रों में शादियां अप्रैल, मई में ज्यादा होती हैं। ऐसे में फर्नीचर का फर्नीचर बाजार पूर्वांचल के भी विभिन्न जिलों के लोगों की जरूरतें पूरी करता है। इस साल होली के पहले से ही कोरोना का संकट छाने के बाद अचानक लॉकडाउन हो गया जिससे सारे फर्नीचर दुकानों और गोदामों में पड़े रह गए। वहीं, होली पर घर गए कारीगर नहीं लौट पाए हैं ।
अब लॉकडाउन में मिली छूट के चलते कारोबारी वाहनों का प्रबंध कर गोरखपुर और आजमगढ़ आदि जगहों से फर्नीचर कारीगरों को बुलाने की जुगत में लगे हैैं। ऐसे में कारीगरों को बुलाने का खर्च भी कारोबारियों को उठाना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि लंबे समय से बंद दुकानों व गोदामों में रखे फर्नीचरों में फफूंद लगने लगा है। कारोबारी अपने यहां डंप पलंग, कुर्सी, डायनिंग टेबल, ड्रेसिंग टेबल आदि को सुरक्षित रखने को लेकर परेशान है। इसमें भी उन्हें अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ रहा है। कारोबारियों के अनुसार दुकानें तो खुल गईं लेकिन बाजार बेदम है। सिर्फ खर्च ही है। ग्राहकों के इंतजार में पूरा दिन बैठे-बैठे गुजारना पड़ता है। फर्नीचर के मुख्य बाजार मलदहिया, जंगमबाड़ी, सुंदरपुर, महमूरगंज, पांडेयपुर और अर्दली बाजार।
अधिक बिक्री वाले आइटम
लगन में ड्रेसिंग टेबल, बेड, आलमारी, डायनिंग टेबल, सोफा, प्लास्टिक चेयर।
नंबर गेम
1000 कारखानों में बनाए जाते हैैं फर्नीचर
250 से ज्यादा थोक व फुटकर दुकानें
100 करोड़ के व्यवसाय का लॉकडाउन से नुकसान
10 हजार से ज्यादा कारीगर इस व्यवसाय से जुड़े हैैं
05 फीसद भी बिक्री नहीं हो पाई है लॉकडाउन में छूट के बाद
लॉकडाउन से फर्नीचर व्यापार को लगभग 100 करोड़ का नुकसान प्रत्यक्ष रूप से हुआ
वाराणसी फर्नीचर व फर्निशिंग व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रकाश सोनेजा अनुमान के अनुसार लॉकडाउन से फर्नीचर व्यापार को लगभग 100 करोड़ का नुकसान प्रत्यक्ष रूप से हुआ है। दस हजार से ज्यादा कारीगर भुखमरी के कगार पर हैं। फर्नीचर का व्यापार शादी लगन में ही ज्यादा होता है । व्यापारी साल भर कारखानों में लगन के सीजन के लिए माल तैयार करते हैैं लेकिन इस वर्ष बिक्री नहीं होने से भारी नुकसान उठाना पड़ा है। महामंत्री संजय अरोड़ा के अनुसार पांच फीसद की भी बिक्री नहीं हो पाई है। पिछले साल सौ करोड़ का गर्मी के लगन में बनारस के फर्नीचर बाजार में कारोबार हुआ था। लगन के सीजन के पहले ही सारे फर्नीचर कारोबारी अपने दुकानों और गोदामों में सामान भर लेते हैं। इसके लिए कई लोग किराए पर जगह भी लेते हैं। इस बार लॉकडाउन से बिक्री नहीं हुई। वहीं, गोदाम व दुकानों में रखे फर्नीचर में हवा नहीं लगने के कारण फफूंदी ने काफी नुकसान पहुंचाया है। बनारस में मुंबई, दिल्ली, बरेली से भी फर्नीचर आता है। इसमें कुछ चीन से आयातित भी शामिल रहता है। हालांकि अब चीन के उत्पाद नहीं मंगाए जा रहे हैं। पहले का रखा सामान बेचना प्राथमिकता है।
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