वाराणसी में रोपवे का फुल स्पीड में ट्रायल सफल, अब शुरू करने की राह में यह है अड़चन
वाराणसी में बुधवार को रोपवे का खाली गोंडोला के साथ फुल स्पीड में ट्रायल सफल होने के बाद भी अब तक इसे शुरू करने की राह में अड़चन बरकरार है। दरअसल कैंट स्टेशन से आगे का सफर तो ठीक है लेकिन घाट के पास तक ले जाना चुनौती बना हुआ है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। देश में पहली बार रोपवे अर्बन ट्रांसपोर्ट परियोजना की बाधाएं दूर होती दिख रही हैं। हालांकि अड़चनें अभी पूरी तरह ठीक नहीं हो सकी हैं। मगर बुधवार को वाराणसी में रोपवे का फुल स्पीड में ट्रायल सफल होने के बाद उम्मीद जगी है कि जल्द ही संचालन भी शुरू होगा।
वाराणसी में रोप वे का सुरक्षा परीक्षण आस्ट्रियाई इंजीनियर गोंडोला के नियंत्रण की प्रणाली और ब्रेकिंग का परीक्षण कर चुके हैं। तीन स्टेशनों का 87 फीसद सिविल कार्य पूर्ण हो चुका है तो दूसरी ओर 98 फीसद तक उपकरण स्थापित होने के साथ पूरी तरह से अगस्त 2025 में लांच के लिए पूरी तरह से तैयार है।
जलकल विभाग की तरफ से घोड़ा नाला का सही नक्शा नहीं दिया जा सका है, ऐसे में नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) की तरफ से रोपवे एलाइनमेंट में आंशिक परिवर्तन करना पड़ा। टावर स्थापित करने के लिए जगह बदली गई है। घोड़ा नाला के निकट पूर्व में चिह्नित स्थल से दो मीटर दूर हटकर पाइलिंग कार्य पूर्ण कर लिया गया। कुछ दिन में यहां टावर स्थापित कर दिया जाएगा।
इस तरह दूसरे चरण में स्वीकृत सभी 11 टावरों को स्थापित करने का रास्ता साफ हो गया है। पाइलिंग कार्य पूरा हो गया। घोड़ा नाला के निकट पाइलिंग के लिए नई तकनीक अपनानी पड़ी। पाइलिंग का तरीका बदला गया। ऐसे में उम्मीद है कि परियोजना सितंबर या अक्टूबर तक शुरू कर दी जाए क्योंकि पहले चरण का कार्य भी अंतिम दौर में है। कैंट, विद्यापीठ और रथयात्रा स्टेशनों पर गोंडोला (केबल कार) स्टोर किए जाने लगे हैं। 90 से अधिक गोंडोला शहर के तीन बड़े गोदामों में छह माह पहले ही रख दिए गए थे। तीनों स्टेशनों पर सिविल कार्य पूर्ण होने की स्थिति में है।
रोपवे पर आठ गोंडोला इंस्टाल कर दिया गया है। धीरे-धीरे सारे गोंडोला रोप से जोड़ दिए जाएंगे।बुधवार को शाम फुल स्पीड छह मीटर प्रति सेकेंड पर आठ गोंडोला का मूवमेंट हुआ। सुबह से शाम तक खाली गोंडोला चलाया गया। इसकी गति के लिहाज से इसका संचालन सफल पाया गया और अब आगे की पूरी प्रक्रिया के लिए विभागीय तैयारियां भी गति पकड़ सकती हैं।
मार्च में जलकल विभाग ने एनएचएलएमएल को घोड़ा नाला का गलत नक्शा स्वीकृत कर दिया था। करीब डेढ़ माह पहले नक्शा के मुताबिक टावर लगाने के लिए पाइलिंग कार्य शुरू हुआ तो घोड़ा नाला में दरार आ गई। इसके कारण आसपास के कई मकानों पर खतरा मंडराने लगा। लिहाजा, रोपवे का काम रोक दिया गया। जलकल विभाग ने नया नक्शा 45 दिन में उपलब्ध कराने की मोहलत मांगी, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। नक्शा को लेकर गेंद जल निगम, जलकल और नगर निगम के बीच घूमती रह गई।
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