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    Ballia Anniversary : बलिया में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व उनके स्वजनों का सम्मान, मुख्यमंत्री योगी ने बागी धरती का बढ़ाया मान

    By Anurag SinghEdited By:
    Updated: Fri, 19 Aug 2022 04:50 PM (IST)

    आजादी के आंदोलन में भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व उनके स्वजनों के लिए शुक्रवार का दिन खास रहा। मुख्यमंत्री ने उनका सम्मान करते हुए बागी धरती का मान बढ़ाया। स्वतंत्रता सेनानी राम विचार पांडेय कहते हैं कि क्रांतिकारियों व उनके स्वजनों को गौरवान्वित होने का मौका मिला है।

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    बलिया : स्वतंत्रता सेनानी राम विचार पांडेय को सम्मानित करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

    बलिया, जागरण संवाददाता। आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व उनके स्वजनों के लिए शुक्रवार का दिन खास रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका सम्मान करते हुए बागी धरती का मान बढ़ाया। साथ ही आजादी की लड़ाई में बलिया की बढ़-चढ़कर भागीदारी का गुणगान भी किया। सीएम के हाथाें सम्मानित स्वतंत्रता सेनानी राम विचार पांडेय कहते हैं कि क्रांतिकारियों व उनके स्वजनों को गौरवान्वित होने का मौका मिला है। मुख्यमंत्री ने बलिदान दिवस पर बलिया आकर ऐतिहासिक कदम उठाया है।

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    32 लोगों के साथ गोवा पहुंचे थे रामविचार पांडेय

    नारायणपाली गांव के रहने वाले 88 वर्ष के स्वतंत्रता सेनानी राम विचार पांडेय कहते हैं कि बलिया ने आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसी के चलते 19 अगस्त 1942 को जिला एक सप्ताह के लिए आजाद हो गया। गोवा सत्याग्रह के बारे में उन्होंने कहा कि देश आजाद होने के बाद भी गोवा पराधीन था। 15 अगस्त 1955 को बलिया व बंगाल से 32 लोगों के साथ गोवा पहुंचे। वहां देशभर से क्रांतिकारी सत्याग्रह के लिए पहुंच रहे थे। गोवा की सीमा पर पुर्तगाली सैनिक बंदूक लेकर तैनात थे। बड़ी संख्या में आंदोलनकारी मारे गए। वे अपनी टीम के साथ जंगल-पहाड़ के रास्ते गोवा में दाखिल हुए थे।

    गौरवशाली पल, खुद को मानते भाग्यशाली

    खोरीपाकड़ के क्रांतिकारी दुखी कोइरी व शिवप्रसाद कोइरी 1942 में अंग्रेजों की गोली का शिकार बने थे। दुखी कोइरी को 1942 का प्रथम शहीद माना जाता था। इनके पौत्र रामसनेही मौर्या व उनकी माता दौलत देवी को सीएम ने जिला कारागार में सम्मानित किया। रामसनेही ने कहा कि यह पल उनके लिए गौरवशाली हैं। वे खुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं।

    सीएम ने बलिदानियों को दी सच्ची श्रद्धांजलि

    सुखपुरा के चंडी प्रसाद 1942 के आंदोलन में साथियों के साथ अंग्रेजों से जमकर लड़े। वे और गौरीशंकर फिरंगियों की गोली का निशाना बने और उनके साथी कुलदीप सिंह फरार हो गए। उनका बाद में कुछ पता नहीं चला। पुलिस लाइन परेड ग्राउंड के मंच पर सीएम ने उनके नाती ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव को सम्मानित किया। ज्ञानप्रकाश इससे अभिभूत नजर आए। उन्होंने कहा कि सीएम ने बलिदानियों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। बलिया बलिदान दिवस पर समारोह में शामिल होकर उन्होंने बहुत सराहनीय कार्य किया। इसके अलावा सीएम ने बलिदानी जानकी कुमारी के वंशज पिंटू यादव, रामकृपाल गोड़ के रामरक्षा गौड़, शंकर राजभर के स्वजन सुरेंद्र राजभर व रामलक्षन वर्मा के स्वजन राजनारायण वर्मा को सम्मानित किया।

    मुख्यमंत्री ने पुस्तक का किया विमोचन

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलिया बलिदान दिवस के मौके पर डा. शिवकुमार सिंह कौशिकेय द्वारा लिखित एवं अयोध्या शोध संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तक उत्तर प्रदेश का स्वतंत्रता संग्राम-बलिया का विमोचन किया। वहीं बलिया से जुड़े आजादी के आंदोलनों के तथ्यों से परिपूर्ण डाक्यूमेंट्री का प्रसारण भी किया गया। मंच पर परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी, सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, रवींद्र कुशवाहा, राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर, सकलदीप राजभर, विधायक केतकी सिंह, विधान परिषद सदस्य रविशंकर सिंह पप्पू, पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी, आनंद शुक्ला, पूर्व विधायक संजय यादव व अन्य मौजूद रहे।

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