Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जौनपुर में पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर अपहरण और रंगदारी के मामले में अदालत से आरोप तय

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Sun, 03 Apr 2022 09:56 AM (IST)

    जौनपुर जिले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर नमामि गंगे परियोजना के अधिकारी का अपहरण करने और रंगदारी मांगने के मामले में अदालत से आरोप तय कर दिए गए हैं। ...और पढ़ें

    Hero Image
    जौनपुर में पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर अपहरण और रंगदारी मामले में आरोप तय कर दिए गए हैं।

    जौनपुर, जागरण संवाददाता। पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर अपहरण और रंगदारी मामले में आरोप तय हो गए हैं। वहीं वादी अभिनव सिंघल को कोर्ट ने गवाही के लिए 15 अप्रैल को तलब किया है। पिछली तिथि पर आरोपितों का आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने निरस्त कर दिया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का अपहरण कराने, पिस्टल सटाकर रंगदारी मांगने, षड्यंत्र तथा गालियां व धमकी देने के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह व उनके सहयोगी संतोष विक्रम के खिलाफ अपर सत्र न्यायाधीश छह एमपी एमएलए कोर्ट में शनिवार को विभिन्न धाराओं में आरोप तय हुआ है। शासकीय अधिवक्ता अरुण पांडेय व सतीश रघुवंशी के प्रार्थना पत्र पर वादी अभिनव की गवाही के लिए निर्देश जारी हुआ। गवाही के लिए 15 अप्रैल तिथि नियत की गई है। पिछली तिथि पर धनंजय व विक्रम का आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र कोर्ट ने निरस्त कर दिया था।

    मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में अपहरण रंगदारी व अन्य धाराओं में धनंजय व उनके साथी विक्रम पर प्राथमिकी दर्ज कराया था कि संतोष विक्रम दो साथियों के साथ वादी का अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास पर ले गए वहां धनंजय सिंह पिस्टल लेकर आए और गालियां देते हुए वादी को कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाए। इंकार करने पर धमकी देते हुए रंगदारी मांगा। इस मामले में एफआइआर दर्ज की गई थी। इसके बाद पूर्व सांसद गिरफ्तार हुए और बाद में जमानत हो गई थी। पिछली तारीख पर धनंजय व संतोष विक्रम ने आरोप मुक्ति प्रार्थना पत्र दिया कि वादी पर दबाव डालकर एफआइआर दर्ज कराई गई। उच्च अधिकारियों के दबाव में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया।

    शासकीय अधिवक्ता ने लिखित आपत्ति किया कि वादी की लिखित तहरीर पर एफ आइआर दर्ज हुई। सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर, व्हाट्सएप मैसेज, गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अपराध साबित है। वादी पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपितों का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया था। शनिवार को दोनों आरोपित न्यायालय में उपस्थित हुए और आरोप तय हुआ।