दिव्यांग बना सकती है पटाखे की चोट, बर्फ और टूथपेस्ट न लगाएं
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि पटाखों से जलने पर बर्फ या टूथपेस्ट न लगाएं, इससे स्थिति बिगड़ सकती है और विकलांगता हो सकती है। जलने पर तुरंत साफ पानी से धोएं और जले हुए हिस्से को साफ कपड़े से ढककर अस्पताल ले जाएं। पटाखों का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें और बच्चों को बड़ों की निगरानी में ही पटाखे जलाने दें।

प्लास्टिक सर्जन डा. गौतम प्रकाश ने बताया कि झुलसने के बाद टूथपेस्ट या दूसरे लेप लगाने से समस्या बढ़ जाती है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। रोशनी का त्योहार दीवाली में छोटी सी लापरवाही गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकती है। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल और ट्रामा सेंटर में हर साल पटाखों, फुलझड़ियों और दीयों से जलने या चोट लगने के मामले बढ़ जाते हैं। प्लास्टिक सर्जरी विभाग के शोध के अनुसार मामूली चोटें भी कई बार स्थायी दिव्यांगता की वजह बन सकती हैं।
जलने के बड़े मामले अक्सर जानलेवा साबित होते हैं। आइएमएस में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डा. सुदीप बेरा कहते हैं कि आतिशबाजी के दौरान झुलसने की स्थिति में जले हुए हिस्से को टूथपेस्ट या आइसपैक लगाने के बजाय पांच से 10 मिनट के लिए बहते नल के ठंडे पानी के नीचे रखना चाहिए। शीघ्र ही किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें।
डा. वैभव जैन कहते हैं कि विभाग में दीवाली पर हर साल सौ से डेढ़ सौ जलने के केस आ जाते हैं, इसलिए सफाई का पूरा ध्यान रखें, किसी भी अस्वच्छ चीज को नहीं लगाएं। चिकित्सक के पास जाने से पहले छाले को नहीं फोड़ें जबकि गंभीर जलने की स्थिति में नसों के जरिए सलाइन सबसे प्रभावी उपचार है और विशेषज्ञ की तलाश में समय खर्च करने से पहले इसे जल्द से जल्द शुरू कर देना चाहिए।
प्लास्टिक सर्जन डा. गौतम प्रकाश ने बताया कि झुलसने के बाद टूथपेस्ट या दूसरे लेप लगाने से समस्या बढ़ जाती है, इससे पीड़ित को कोई फायदा नहीं पहुंचता है।
हाथ व शरीर की चोट
पटाखे का समय से पहले फटना या विस्फोट से चोट और स्प्लिंटर (छर्रे) लगना। l चेहरे और आंखों की चोट : खराब अनार की जांच करते समय आग निकलना, आतिशबाजी को चेहरे के बहुत करीब से जलाना। l कपड़ों में आग लगने से जलन : ढीले या लटकते कपड़े के हिस्से का आग की चपेट में आ जाना। l सुनने की क्षमता का नुकसान : गलती से कई पटाखों का एक साथ फटना। l गर्म वस्तु से संपर्क की चोट : फेंके गए लेकिन अभी भी गर्म आतिशबाजी पर गलती से पैर रखना। l दीयों की लौ से चोट: सीमित जगह में बहुत सारे दीये रखने से। l बच्चों को चोट : जब उन्हें किसी खास आतिशबाजी का उपयोग करने का तरीका पता नहीं होने या वे बिना मार्गदर्शन के उसे जला रहे हों।
आतिशबाजी के दौरान बरतें सावधानी क्या करें
खुली जगह का उपयोग करें। ज्वलनशील सामग्री को आतिशबाजी क्षेत्र से दूर रखें। सूती कपड़े पहनें। उपयोग से पहले सावधानी बरतें और जानें कि किसी विशेष आतिशबाजी का उपयोग कैसे करना है और बच्चों को सिखाएं। बच्चों पर नजर रखें और आतिशबाजी के वक्त उनके साथ रहें। l जल चुकी वस्तु को पास रखे पानी या रेत की बाल्टी से ठीक से बुझा दें और बढ़े हुए हाथ से, दूरी से जांच करें और जलाएं। पास में पानी का स्रोत अनिवार्य रूप से उपलब्ध रखें।
क्या नहीं करें
पार्किंग स्थल, बंद या भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र से बचें। ढीले और लटकने वाले सिरों वाले कपड़े नहीं पहनें और पटाखों का लापरवाही से उपयोग नहीं करें। खराब पटाखों का उपयोग एकदम नहीं करें। l बच्चों और पटाखों को अटैंडेड नहीं छोड़ें। खराब पटाखों को दोबारा इस्तेमाल करने की कोशिश नहीं करें, साथ ही जांच या जलाने के लिए पटाखों पर आगे की ओर नहीं झुकें।
क्या करें
दीयों को कमरे के कोनों में रखें और चलते समय साड़ी या दुपट्टे के ढीले सिरों का ध्यान रखें। l आग लगने की दुर्घटना पर घबराएं नहीं, साथ ही ज्वलनशील वस्तुओं और पटाखों को आग से दूर रखें। क्या नहीं करें: l एक छोटी जगह में बहुत अधिक आग वाली वस्तुएं नहीं रखें और दीयों को कमरे के बीच में नहीं रखना चाहिए। जलने की दुर्घटना पर, धुएं से दूर और कमरे के बाहर खुली जगह खोजें। कमरे के अंदर पटाखे, राकेट का उपयोग नहीं करें।
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