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    पिता चलाते हैं टायर पंक्‍चर की दुकान, बेटे ने बना दी 50 किमी चलने वाली बैट्री मोटरसाइकिल

    साधारण किसान और पंचर ठीक करने वाले रामऔतार के बेटे नीरज मौर्य ने अपनी मेहनत से शानदार सफलता हासिल की है। एक गरीब के बेटे ने एक बार में फुल चार्ज करने पर 50 किलोमीटर तक चलने वाली बैट्री मोटरसाइकिल ईजाद की है।

    By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Mon, 02 Nov 2020 12:15 PM (IST)
    बीए के छात्र ने बैट्री चलित मोटरसाइकिल को अपने कठिन परिश्रम के बाद बनाया है।

    मीरजापुर, जेएनएन। हलिया विकास खंड के ग्राम पंचायत मवईकला निवासी साधारण किसान और पंचर ठीक करने वाले रामऔतार के बेटे नीरज मौर्य ने अपनी मेहनत से शानदार सफलता हासिल की है। एक गरीब के बेटे ने एक बार में फुल चार्ज करने पर 50 किलोमीटर तक चलने वाली बैट्री मोटरसाइकिल ईजाद की है। मीरजापुर जिले के पंचशील डिग्री कालेज मवईकला के बीए के छात्र ने बैट्री चलित मोटरसाइकिल को अपने कठिन परिश्रम के बाद बनाया है।

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    नीरज के अनुसार बैट्री चालित मोटरसाइकिल बनाने में लगभग एक महीना का समय कठिन परिश्रम करने के बाद लगा। मोटरसाइकिल तैयार होने के बाद मोटरसाइकिल में बैट्री लगाने के लिए उनके पास पैसा तक नहीं था। जागरण को बताया कि बैट्री के लिए पैसा इकट्ठा करने के लिए नवरात्र में मूर्ति बनाकर पैसा जुटाया तब जाकर बैट्री मंगाकर मोटरसाकिल को तैयार कर सका।

    बैट्री चालित मोटरसाइकिल में यह खासियत यह है कि एक बार में चार्ज होने पर पचास किलोमीटर तक की दूरी आसानी से तय कर लेती है। मोटरसाइकिल में आगे जाने के साथ ही पीछे जाने के लिए भी गियर लगाया गया है। बैट्री चलित मोटर साईकिल बनाने की जानकारी प्राप्त होने पर छानबे विधायक राहुल प्रकाश कोल ने बीए के छात्र नीरज के घर पंहुचकर बधाई दी है।

    नीरज ने बताया कि पिता खेती किसानी के साथ ही मवईकला चौराहे पर टायर पंक्‍चर की दुकान खोलकर घर का जीविकोपार्जन करते हैं। मोटर साईकिल को तैयार करने में कुल लगभग तीस हजार रुपए का खर्च आया है। बैट्री चलित अन्य मोटरसाइकिल की तरह ही यह तेज स्पीड से चलती है। नीरज ने बताया कि इसका दाम और भी कम हो सकता है बशर्ते सरकारी सब्सिडी मिल जाए। किसी भी प्रकार का तकनीकी कोर्स न करने के बाद भी नीरज की ऑटोमोबाइल में महारत से पिता भी बेटे पर गर्व करते हैं। नीरज का सपना है कि उनकी बनायी इस मोटरसाइकिल का लोग प्रयोग करें ताकि ईंधन से होने वाले प्रदूषण से पर्यावरण की रक्षा करने में मदद कर सकेंगे।