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    संगीत तीर्थ बनारस की जड़ों से जुड़ी ख्यात ठुमरी गायिका सविता देवी का नई दिल्ली में निधन

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    Updated: Sat, 21 Dec 2019 09:27 AM (IST)

    संगीत तीर्थ बनारस की जड़ों से जुड़ी ख्यात ठुमरी गायिका विदुषी सविता देवी का शुक्रवार सुबह 11 बजे दिल्ली में निधन हो गया। वे 80 साल की थीं। ...और पढ़ें

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    संगीत तीर्थ बनारस की जड़ों से जुड़ी ख्यात ठुमरी गायिका सविता देवी का नई दिल्ली में निधन

    वाराणसी, जेएनएन। संगीत तीर्थ बनारस की जड़ों से जुड़ी ख्यात ठुमरी गायिका विदुषी सविता देवी का शुक्रवार सुबह 11 बजे दिल्ली में निधन हो गया। वे 80 साल की थीं। पिछले दिनों हृदय में दिक्कत के कारण उन्हें पेसमेकर भी लगाया गया था। उनके पुत्र अजय महाराज के अनुसार शनिवार को अंत्येष्टि गुरुग्राम स्थित श्मशान भूमि मोक्ष धाम में की जाएगी। सविता देवी ख्यात ठुमरी गायिका सिद्धेश्वरी देवी की पुत्री थीं। उनका बचपन बनारस में बीता।

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    पढ़ाई-लिखाई भी बीएचयू समेत बनारस के कालेजों में हुई। उन्होंने अपनी मां से विरासत में सुर-संगीत पाया। वे जितना अच्छा गाती थी, उतने ही सधे अंदाज में सितार के तारों में झंकर भी भर जाती थीं। 1970 के दशक में वे अपनी मां के साथ दिल्ली चली गई और दौलतराम कालेज में संगीत की तालीम देनी शुरू की। इस दौरान उन्होंने अमेरिका, यूके, फ्रांस समेत देश-विदेश में मंचीय प्रस्तुतियां भी दी। उनके निधन से बनारस का संगीत जगत भी शोकाकुल रहा। प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पद्म भूषण पंडित साजन मिश्र ने कहा कि सविता देवी ठुमरी को सहेजने, सजाने वाली परंपरा में अंतिम कड़ी थीं। उनके जाने से बनारस संगीत परंपरा की एक मजबूत कड़ी टूट गई। अच्छी गायिका के साथ ही स्वभाव व मन-मिजाज में भी उनका कोई जवाब नहीं था।

    संगीत के प्रचार-प्रसार को समर्पित संस्था कला प्रकाश के अध्यक्ष अशोक कपूर ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वर्ष 2017 में गुलाबबाड़ी में उनका गायन बनारस के लिए अविस्मरणीय रहा। एक बार फिर वह बनारस आना और गाना चाहती थीं, लेकिन यह साध उनके मन में ही रह गई। विदुषी सविता देवी की शिष्या सुचरिता गुप्ता ने भरे गले से कहा कि आज गुरु ही नहीं, मां को खो दिया। एक युग का अंत हो गया। 1980 से उनके साथ, उनके घर में रहकर संगीत सीखा। शिष्यों को उन्होंने मां की तरह प्यार व दुलार दिया। गुरु पूर्णिमा पर पहले शिष्यों को खिलातीं, उसके बाद स्वयं खातीं। आज जो कुछ भी गा पा रही हूं, उन्हीं की कृपा से।