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    वाराणसी के पांडेयपुर चौराहे से रिंग रोड तक 3.35 किलोमीटर सड़क पर हर कदम गड्ढे

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Sun, 12 Sep 2021 09:40 AM (IST)

    वाराणसी के पांडेयपुर चौराहे से रिंग रोड तक 3.35 किलोमीटर सड़क सिर्फ कहने को हो।करीब साढ़े तीन किलोमीटर की सड़क पर कुछ ही स्थानों पर तारकोल दिखाई पड़ें ...और पढ़ें

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    पांडेयपुर चौराहे से रिंग रोड तक 3.35 किलोमीटर सड़क पर हर कदम गड्ढे

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। पांडेयपुर चौराहे से रिंग रोड तक 3.35 किलोमीटर सड़क सिर्फ कहने को हो। साढ़े तीन किलोमीटर की सड़क पर कुछ ही स्थानों पर तारकोल दिखाई पड़ेंगे। सड़क पर इतने गड्ढे हैं कि उससे गिनना मुश्किल है। सड़कों पर बिखरी गिट्टी और गड्ढा हादसे का सबब बन गए हैं लेकिन लोक निर्माण विभाग को खराब सड़क दिखाई नहीं पड़ रही है। आए दिन भारी वाहनों के टायर फटने के साथ उसके कमानी और एक्सल टूटे रहते हैं, इसके चलते जाम की स्थिति बनी रहती है। साथ ही लोगों का कारोबार चौपट हो गया है। परेशान क्षेत्रीय लोगों ने पीडब्ल्यूडी के अभियंता समेत प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सड़क मरम्मत के लिए आए डेढ़ करोड़ रुपये कहां गए कोई बताने वाला नहीं है।

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    पांडेयपुर चौराहे से लमही तक पूरा बाजार है। यहां वरुणापार क्षेत्र के साथ आसपास गांवों के लोग खरीदारी करने आते हैं। आजमगढ़ मार्ग के रहने वालों के लिए प्रमुख बाजार है। मगर आज यह बाजार दुश्वारियों का दंश झेल रही है। पांडेयपुर चौराहे से रिंग रोड तक सड़क की हालत काफी दयनीय है। सरकारी दस्तावेज में सड़क जरूर होगा लेकिन मौके पर स्थितियां बिल्कुल विपरीत है। सड़क पर बिखरी गिट्टी और गड्ढे होने के चलते साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी तय करने में आधे से एक घंटे लगते हैं, यदि जाम लग गया तो समय कितना लगेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता है।

    गड्ढों में भरा रहता है पानी

    सड़क पर गड्ढे होने के कारण बारिश का पानी उसमें हमेशा भरा रहता है। आसपास के घरों का पानी नाली से निकलने की बजाय सड़कों पर फैला रहताा है। गंदे पानी में हमेशा मच्छर रहते हैं जिससे क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की बीमारियां फैल रही है।

    एनएचएआइ से मिली है सड़क

    पांडेयपुर चौराहे से रिंग रोड तक एनएचएआइ की थी। सड़क खराब होने पर शासन ने नाराजगी जाहिर करते हुए पीडब्ल्यूडी को दे दी। पीडब्ल्यूडी ने सर्वे कराकर करीब डेढ़ लाख रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा। बजट स्वीकृत होने के बाद आज तक सड़क क्यों नहीं बनी, यह कोई बताने वाला नहीं है।

    कई बार लोग कर चुके हैं धरना-प्रदर्शन

    खराब सड़क की मरम्मत कराने को लेकर क्षेत्रीय लोग कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। हर बार पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने शीघ्र सड़क बनवाने का भरोसा दिया लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी।