वाराणसी विकास प्राधिकरण के यह 'भैया' जिस फाइल में लकड़ी लगाते हैं उसे बड़े अफसर भी नहीं निकाल पाते
अफसरों से मुलाकात कर लैंड मार्क के उपभोक्ताओं के अधिकारों को मांगा जा रहा है लेकिन वाराणसी विकास प्राधिकरण के किसी अफसर ने भरोसा तो छोडि़ए बात तक नहीं की। इसलिए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में रहने वालों ने आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए निश्चय कर लिया है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। याचना नहीं अब रण होगा, जीवन या मरण होगा। संघर्ष बड़ा भीषण होगा...। कुछ ऐसे ही संकल्प के साथ लैंड मार्क के रहनवारों ने मंगलवार को बैठक की। अध्यक्षता कर रहे लैंड मार्क वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव डा. पंकज ने कहा कि कई वर्षों से पत्र पर पत्र दिया जा रहा है। अफसरों से मुलाकात कर लैंड मार्क के उपभोक्ताओं के अधिकारों को मांगा जा रहा है लेकिन वाराणसी विकास प्राधिकरण के किसी अफसर ने भरोसा तो छोडि़ए बात तक नहीं की। इसलिए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में रहने वालों ने आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए निश्चय कर लिया है।
पहले चरण में लैंड मार्क टावर के गेट पर धरना दिया जाएगा। इसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई तो आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि वीडीए के लैंड मार्क टावर में सेवानिवृत्त जज से लेकर सेना के जवानों का परिवार रहता है। वीडीए की वादाखिलाफी से सभी ठगा सा महसूस कर रहे हैं। लैंड मार्क टावर के रहने वाले सेवानिवृत्त जज प्रेम मोहन सिंह ने कहा कि भवन का संचालन सोसायटी द्वारा अवैध तरीके से बीते पांच से छह साल हो रहा है। त्रुटियों के संबंध में प्राधिकरण व सोसायटी को पत्राचार किया था परंतु अफसर नजरअंदाज कर रहे हैं।
आर्डर शाही पनीर का, परोस दी भिंडी : वीडीए की ठगी को वहां की रहनवार भावना सिंह ने अपने ही अंदाज में प्रस्तुत किया। कहा कि हम लोगों ने शाही पनीर का आर्डर दिया था और विभाग ने भिंडी का रसेदार परोस दिया। शशि सिंह का कहना है कि पिछले छह वर्षों से बेसमेंट में पानी भर रहा है। डर लग रहा है कि पूरी बिल्डिंग ही न धंस जाए। डा. जेबी सिंह ने कहा कि शुरू से यहां कमियों की अनदेखी की गई। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। बिल्डिंग निर्माण में बड़ी धांधली की आशंका है। सेवानिवृत्त फौजी व एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रमेश वर्मा का कहना है कि बेसमेंट का पानी निकालना बड़ी चुनौती है। इसे निकालने के लिए लगे कर्मचारियों के पांव सड़ जा रहे हैं
सहायक संपत्ति अधिकारी को फर्क नहीं पड़ता : बड़ा आश्चर्य है कि संबंधित विभाग के जिम्मेदार अफसर पूरे मामले में लंबे समय से चुप्पी साधे हैं। बड़ालालपुर क्षेत्र मंत्री अनिल राजभर के इलाके में आता है। उन्हें भी हजारों लोगों की जान की परवाह नहीं है। सिर्फ अनदेखी की बात होती तो भी बर्दाश्त थी लेकिन यहां तो वीडीए के सहायक संपत्ति अधिकारी रमेश दुबे लैंड मार्क टावर के एक रहनवार से यह भी कहने में नहीं चूके कि जनाब कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसी खबरें तो छपती रहती हैं।
बाबू की दबंगई, अफसर लाचार : वीडीए के संपत्ति विभाग का एक दबंग बाबू अभिषेक सभी को उंगलियों पर नचाता है। बताते हैं कि उसकी पहुंच ऊपर तक है। लंबे समय से एक ही कुर्सी पर तैनात है। कई प्रकरण ऐसे हैं जिनके बाबत वीडीए उपाध्यक्ष ने निर्देश दिया लेकिन नियमानुसार कार्य करना भी उसने उचित नहीं समझा। विभागीय कर्मी गर्व से कहते हैं कि अभिषेक भइया जिस फाइल में लकड़ी लगा देते हैं उसे बड़े-बड़े अफसर नहीं निकाल पाते।
इंजीनियर साहब काम के बोझ के मारे : यही नहीं अधीक्षण अभियंता आशुतोष श्रीवास्तव व सहायक संपत्ति अधिकारी पर काम का इतना बोझ है कि लैंड मार्क जैसी जानलेवा समस्या भी उन्हें छोटी लगती है। यही कारण है कि कभी हाल भी पूछने वे नहीं गए। लैंडमार्क वासियों ने कभी बुलाया भी तो उन्होंने व्यस्तता का हवाला देकर किनारा कर लिया।
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