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    ESIC मेडिकल कॉलेज संचालन में BHU, दीनदयाल अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग की होगी भागीदारी

    Updated: Sun, 25 May 2025 02:44 PM (IST)

    वाराणसी के पांडेयपुर स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में इस वर्ष से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू होगी जिसके लिए 50 सीटें हैं। बीएचयू से शव दीनदयाल अस्पताल से रक्त और सीएमओ से पोस्टमार्टम में सहायता मिलेगी। श्रम मंत्रालय देश के अन्य शहरों में भी मेडिकल कॉलेज खोल रहा है। एनएमसी की टीम जल्द ही निरीक्षण करेगी। भविष्य में कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज और ट्रामा सेंटर भी बनाया जा सकता है।

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    मेडिकल छात्रों की पढ़ाई को आइएमएस बीएचयू से लिया जाएगा शव

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। पांडेयपुर स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) मेडिकल कालेज एवं हास्पिटल में इस वर्ष से एमबीबीएस की 50 सीटों पर एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू होने वाली है। इसके लिए तमाम विभाग सक्रिय किए जा रहे हैं।

    मेडिकल कालेज का मुख्य भवन बनने तक चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू, पंडित दीनदयाल अस्पताल व जिला स्वास्थ्य विभाग से कई कार्यों के लिए सहायता ली जाएगी। इसके लिए समझौता भी हो चुका है।

    चिकित्सा पढ़ाई के लिए आइएमएस बीएचयू से शव लिए जाएंगे। मरीजों को जब खून की जरूरत पड़ेगी तो दीनदयाल अस्पताल से मंगाया जाएगा। पोस्टमार्टम के लिए जरूरत पड़ी तो इसमें सीएमओ की ओर से मदद के लिए सहमति प्रदान की गई है।

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    श्रम मंत्रालय की ओर से वाराणसी के साथ ही देश के अन्य शहरों नोएडा, लुधियाना, रांची, अहमदाबाद, इंदौर, मुंबई, दिल्ली, जयपुर व असम की राजधानी दिसपुर में भी मेडिकल कालेज खोले जा रहे हैं। इसकी तैयारी लगभग पूरी हो गई है। मई अंत या जून में एनएमसी की टीम भी यहां निरीक्षण के लिए आने वाली है।

    इससे पहले यहां पर नई दिल्ली से बीमा आयुक्त रत्नेश कुमार वर्मा भी जायजा लेने आए थे। उन्होंने प्रशासनिक भवन, सभी वार्ड, ओपीडी एरिया, इमरजेंसी वार्ड, दवा केंद्र, जांच केंद्र आदि का दौरा किया था। मेडिकल कालेज के लिए क्लास रूम, सेमिनार हाल आदि जल्द तैयार करने के निर्देश दिए थे।

    ईएसआइसी मेडिकल कालेज व हास्पिटल के डीन प्रो. सेल्वा कुमार चेल्लैया ने बताया कि मुख्य भवन के लिए पिंडरा में जमीन देखी गई है। इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी गई है। स्वीकृति मिलने के बाद कालेज भवन की डिजाइन व अन्य प्लान पर तैयार किए जाएंगे। लगभग 20 एकड़ जमीन मिली तो भविष्य में वहां नर्सिंग कालेज व ट्रामा सेंटर भी बनाया जाएगा।

    मेडिकल की सीटें 50 से बढ़ाकर 100 तक की जा सकेंगी। आइएमएस बीएचयू ने कालेज को शव मुहैया कराने की सहमति जताई है। रक्त डीडीयू अस्पताल के ब्लड बैंक से लिया जाएगा। सीएमओ के सहयोग से जिले के पोस्टमार्टम कराया जाएगा।