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    ESIC Hospital Varanasi में टाटा की मदद से खुलेगा कैंसर यूनिट, मरीजों को मिलेगी राहत

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 04:06 PM (IST)

    वाराणसी के ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज में कैंसर के इलाज की सुविधा नहीं है जिससे मरीजों को टाटा अस्पताल रेफर किया जाता है। केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने बेंगलुरु की तरह बाहर से डॉक्टर बुलाने का सुझाव दिया है। प्रशासन टाटा कैंसर अस्पताल की मदद से यूनिट खोलने का प्रस्ताव रखेगा जिससे पूर्वांचल और बिहार के मरीजों को सुविधा मिलेगी।

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    इससे मरीजों को फॉलोअप और कीमोथेरेपी के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा।

    मुकेश चंद्र श्रीवास्तव, वाराणसी। पांडेयपुर स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल में कैंसर के उपचार की अभी कोई व्यवस्था नहीं है। यहां मेडिकल आंकोलाजी या सर्जिकल आंकोलाजी के डाक्टर नहीं हैं। इस कारण मरीजों को टाटा अस्पताल में रेफर करना पड़ता है।

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    बीते शुक्रवार को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे यहां आई थीं तो उनके सामने कैंसर सर्जन नहीं होने की बात उठी। इसपर केंद्रीय मंत्री ने बेंगलुरु के ईएसआइसी अस्पताल का जिक्र किया, जहां कैंसर के उपचार के लिए दूसरे संस्थान से डाक्टर बुलाए जाते हैं।

    मंत्री ने बेंगलुरु की तर्ज पर यहां भी बाहर से डाक्टर बुलाने की बात कही। अस्पताल प्रशासन अब टाटा कैंसर अस्पताल की मदद से यहां यूनिट खोलने का प्रस्ताव रखेगा। वहां से डाक्टर कैंसर के मरीज का उपचार या सर्जरी करने के लिए ईएसआइसी मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल आएंगे।

    पूर्वांचल एवं बिहार में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि काशी में कैंसर के तीन सरकारी संस्थान संचालित हो रहे हैं।चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू में मेडिकल व सर्जिकल अंकोलाजी दोनों की ही सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा मुंबई के बाद टाटा कैंसर मेमोरियल संस्थान से संबद्ध सुंदरपुर व लहरतारा में कैंसर अस्पताल खोला गया है। अब ईएसआइसी अस्पताल में कैंसर के उपचार की पहल शुरू की गई है।

    अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. पीके राय बताते हैं कि यहां पर लगभग 160-170 मरीज आते हैं। वहीं प्रतिदिन 2-3 नए आ रहे हैं। इन मरीजों को उपचार के लिए टाटा कैंसर अस्पताल रेफर किया जाता, जहां मरीजों को लंबी कतार का सामना करना पड़ता है। वैसे में टाटा कैंसर अस्पताल सिर्फ भर्ती की स्थिति वाले मरीज को ही लेता है।

    ऐसे में अगर यही पर उपचार की व्यवस्था हो जाएगी तो मरीजों को भाग दौड़ की परेशानी से काफी हद तक राहत मिलेगी। कारण कि तमाम ऐसे मरीज हैं जिन्हें बस फालोअप या कीमोथेरेपी की ही जरूरत होती है। यहां पर यूनिट खुलने से कैंसर के मरीजों की यही पर फालोअप किया जा सकेगा।

    वैसे मल्टी सुपर स्पेशियलिटी के कई विभाग गैस्ट्रोएंट्रोलाजी, कार्डियो, यूरो सर्जरी, नेफ्रोलाजी का संचालन शुरू हो गया है। इसके जनरल मेडिसिन, जरनल सर्जरी, आब्स एंड गायनी, आई, अर्थो, ईएनटी, अनेस्थीसिया, पिडयाट्रिक्स, पैथोलाजी, टेंडर, स्कीन विभाग के चिकित्सकों की टीम तैयार हो चुकी है।