रेलवे में कार्यरत गैंगमैनोंं के लिए आज भी कायम है अंग्रेजी हुकूमत, जानिए कितनी कठिन है नौकरी
अंग्रेजों के चंगुल से भारत को आजाद हुए 74 वर्ष हो गए लेकिन रेलवे में आज भी अंग्रेजी हुकूमत कायम है। बतौर बानगी रेलवे की पुश ट्राली है जहां आज भी गैंगमैन रेल पथ विभाग के अधिकारियों पुश ट्राली पर बैठाकर धकेलते हैं।

गाजीपुर, जेएनएन। अंग्रेजों के चंगुल से भारत को आजाद हुए 74 वर्ष हो गए, लेकिन रेलवे में आज भी अंग्रेजी हुकूमत कायम है। बतौर बानगी रेलवे की पुश ट्राली है, जहां आज भी गैंगमैन रेल पथ विभाग के अधिकारियों पुश ट्राली पर बैठाकर धकेलते हैं। यह हाल है बक्सर - डीडीयू रेल खंड के गहमर, दिलदारनगर व सकलडीहा सेक्शन रेल पथ विभाग के अधीन गैंगमैनो का। मोटर ट्राली के अभाव में गैंगमैन रेल अधिकारियों को पुश ट्राली पर बिठाकर धकेलते हुए कार्यस्थल तक पहुंचाते हैं। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि सब कुछ सुनने व देखने के बाद भी मंडल के आला अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
यह व्यवस्था अंग्रेजी शासन की देन है किंतु आजाद भारत में आज भी इस पर बंदिश नहीं लगाया जा रहा है, जबकि रेलवे ने ट्रेन के पहियों से लेकर बिजली के तारों तक में भारी फेरबदल कर लिया है। ऐसे में गहमर, दिलदारनगर व सकलडीहा में रेल पटरियों के बीच कार्य करने वाले कर्मचारियों को गैंगमैन के नाम से पुकारा जाता जात है वह
अंग्रेजी हुकूमत के बंदिशों में आज भी जकड़े हुए है। यही नहीं रेलकर्मियो के हितों का ढिंढोरा पीटने वाले यूनियनों के पदाधिकारियों ने भी गैंगमैनों के साथ किए जा रहे इस अमानवीय व्यवहार को लेकर कोई आपत्ति कभी नहीं जताई । वहीं रेल पथ विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मोटर ट्राली के लिए कई बार विभागीय अधिकारियों से लगायत मंडल मुख्यालय पत्र भेजकर मांग की गई, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। मोटर ट्राली होने से कर्मचारियों को फायदा होगा साथ ही समय की बचत होगी।
पुश ट्राली से होती है देरी
रेल पथ विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि पुश ट्राली से मौके पर जाने के लिए काफी देरी लगती है। यह 5 से 10 किमी की रफ्तार से रेल पटरी पर चलती है। पुश ट्राली पर जब रेल पथ विभाग के अधिकारी बैठ जाते हैं तब गैंगमैन पुश ट्राली को धकेल कर रफ्तार बना लेते हैं। उसके बाद वह भी उस पर सवार हो जाते हैं, जबकि मोटर ट्राली 30 से 40 किमी की रफ्तार से चलती है।
- पुश ट्राली एवं मोटर ट्राली देने का काम आला अधिकारियों का होता है। बक्सर के सहायक अभियंता को पटरियों के निरीक्षण के लिए मोटर ट्राली दी गई है। - पी राज, जनसंपर्क अधिकारी दानापुर मंडल।
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