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    एक अक्टूबर से हिंदी में मिलेगा बिजली का बिल, शतरुद्र प्रकाश ने अंग्रेजी में जारी बिल को लेकर विधान परिषद में उठाया सवाल

    अब एक अक्टूबर से हिंदी में बिजली का बिल जारी होगा। इसे लेकर एमएलसी व सपा के वरिष्ठ नेता ने 22 सितंबर को विधान परिषद की बैठक में सवाल उठाया। कहा कि हिंदी (देवनागरी लिपि) में ही बिजली के बिल भेजे जाएं।

    By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Fri, 24 Sep 2021 06:10 AM (IST)
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    अब एक अक्टूबर से हिंदी में बिजली का बिल जारी होगा।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। अब एक अक्टूबर से हिंदी में बिजली का बिल जारी होगा। इसे लेकर एमएलसी व सपा के वरिष्ठ नेता ने 22 सितंबर को विधान परिषद की बैठक में सवाल उठाया। कहा कि हिंदी (देवनागरी लिपि) में ही बिजली के बिल भेजे जाएं। वाराणसी में 95 फीसद उपभोक्ता की भाषा हिंदी है। अत: बिजली के बिल उपभोक्ता की भाषा में छापे और वितरित किए जाएं ताकि वे समझ सकें कि उनसे किस बात की धनराशि ली जा रही है।

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    शतरुद्र प्रकाश के सवालों का जवाब मुख्य अभियंता उप्र पावर कार्पोरेशन ने प्रबंध निदेशक पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के हवाले से दी। उन्होंने बताया कि वाराणसी नगरीय क्षेत्र के मंडल एक प्रखंड दो सहित अन्य प्रखंडों के समस्त उपभोक्ता को एक अक्टूबर से हिंदी (देवनागरी लिपि) में लिखे गए बिजली के बिल दिए जाएंगे। शतरुद्र प्रकाश ने बताया कि इसके पूर्व उन्होंने लिखित उत्तर दिया था कि प्रदेश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में हिंदी भाषा में लिखित बिलों की छपाई का काम हो रहा है। शहरी क्षेत्र में भी विद्युत बिल हिंदी में भेजे जा रहे थे। वर्तमान में रियल टाइम बिलिंग लागू होने पर बिलिंग एजेंसी को हिंदी फार्मेट के अनुरूप विद्युत बिल निर्गत करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस आशय के लिखित उत्तर से असंतुष्ट हो कर शतरुद्र प्रकाश ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अफसरों से बात करके निश्चित तारीख बताएं।

    उन्होंने मोबाइल से बात करके समिति को अवगत कराया कि पहली अक्टूबर 2021 से हिंदी (देवनागरी लिपि) में लिखित बिजली बिल भेजे जाएंगे। इसके पहले शतरुद्र प्रकाश ने एक सितंबर 2021 को विद्युत व्यवस्था जांच समिति में इस बात पर सख्त आपत्ति की थी कि जब प्रदेश की राजकीय भाषा हिंदी है तो वाराणसी के कुछ उपभोक्ता को बिजली के बिल रोमन लिपि मे क्यों भेजे जा रहे हैं जबकि विधान परिषद में बिजली मंत्री ने घोषणा की थी कि अंग्रेजी की जगह हिंदी मे बिल भेजे जाएंगे। उसके बाद वाराणसी में हिंदी (देवनागरी लिपि) में बिल भेजे गए थे किन्तु बहुत से उपभोक्ता को अब भी अंग्रेजी में बिल भेजे जा रहे हैं। अध्यक्षता अरुण पाठक ने की। बैठक में समिति के सदस्य वासुदेव यादव, सनी यादव, उमेश द्विवेदी, डा. मनवेंद्र सिंह, संजय लाठर के अतिरिक्त अपर मुख्य सचिव ऊर्जा आलोक सिन्हा, अध्यक्ष उप्र पावर कार्पोरेशन देवराज, एमडी मध्यांचल, एमडी पश्चिमांचल आदि मौजूद थे।