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पीएम के पहल से मिला इ‍लेक्ट्रिक चाक, अब रोशन होगी कामगारों की दीवाली

प्रधानमंत्री मोदी अपने कार्यकाल में लगातार खादी-ग्रामोद्योग को प्रोत्साहित करने में जुटे हैं, ग्रामीण रोजगार तक के अवसर बेहतर करने की कोशिश हो रही हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 07:39 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 07:47 PM (IST)
पीएम के पहल से मिला इ‍लेक्ट्रिक चाक, अब रोशन होगी कामगारों की दीवाली
पीएम के पहल से मिला इ‍लेक्ट्रिक चाक, अब रोशन होगी कामगारों की दीवाली

वाराणसी [सौरभ चक्रवर्ती] : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल में लगातार खादी-ग्रामोद्योग को प्रोत्साहित करने में जुटे हैं। खादी ब्रांड बनाने से लेकर ग्रामीण रोजगार तक के अवसर बेहतर करने की कोशिश हो रही हैं। आधुनिक तकनीक के माध्यम से उत्पादन को ज्यादा बढ़ाने व आय में वृद्धि पर पहल हो रही है। परंपरागत तरीके को बदलकर इलेक्ट्रिक उपकरणों से कम समय में ज्यादा आपूर्ति की जा रही है। योजनाओं का लाभ देने के लिए बेहतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि नई तकनीक को समझने में परेशानी न हो। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में तीन लोगों को उपकरण मिला और अन्य लाभार्थियों को इसका लाभ जल्द देने की तैयारी हो रही है। 

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कुम्हार परिवारों के समूहों को कौशल उन्नयन के तहत इलेक्ट्रिक चाक, ब्लंजर, पगमिल, गैस भट्ठी, ताना मिल और मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक बलधारी सिंह के अनुसार सिलसिले वार प्रशिक्षण देने का काम शुरू किया गया है। इलेक्ट्रिक चाक के लिए 260 में से 80 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। इन लोगों को उपकरण अगले सप्ताह से दिया जाएगा। काशी विद्यापीठ ब्लाक और आराजीलाइन ब्लाक के गांवों में 40-40 लोगों को प्रथम बैच में प्रशिक्षित किया गया है। इसमें लोहता, कोरोता, हरिपालपुर, सोजाई, बहती, केशरपुर, राखोना, शिवबेरी, लालपुर, शकलपुर, बेनपुर, रघुपुर आदि गांव शामिल है। इसी क्रम में पचास लोगों को पांच सौ मधुमक्खी बाक्स आवंटित किया जाएगा। इसमें बीस मीरजापुर, बीस भदोही व दस वाराणसी के लाभार्थियों के लिए है। इसके अतिरिक्त तीन ताना मशीन सेवापुरी स्थित केंद्र को दिया गया।

 

कम समय, ज्यादा उत्पादन से आय वृद्धि 

नए डिजाइन बनाने में सक्षम इलेक्ट्रिक पॉवर ह्वील से कुम्हार लगातार 12 से 16 घंटे तक काम कर सकता है। एक ब्लंजर आठ घंटे में चार सौ से पांच सौ किलो कच्ची मिट्टी को प्रोसेस कर सकता है। पगमिल प्रति घंटे पांच सौ से आठ सौ किलो मिट्टी तैयार करता है। इसकी के साथ सौ डिग्री सेंटीग्रेट तक के तापमान के साथ पचास से साठ किलो बर्तनों को प्रतिदिन पकाने के लिए उपयोगी है। यह हम मौसम के लिए उपयुक्त है। यह समग्र इकाई जिले में 338 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 50 लोगों अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी। इसके अलावा इन कुम्हारों की आय मौजूदा सौ रुपये से बढ़कर तीन सौ रुपये प्रतिदिन हो जाएगी। मधुमक्खी बाक्स से शहद की आपूर्ति संग पर-परागण के माध्यम से किसानों की फसल में करीब 25 फीसद तक बढ़ जाएगी। एक मधुमक्खी पालक को हनी बाक्स से 25 से 30 किलोग्राम शहद की प्राप्ति होगी।


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