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    भोजपुरी, मगही और मैथिली का ¨हदी में अनुवाद आसान

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 08 May 2018 01:46 AM (IST)

    वाराणसी : अंग्रेजी से ¨हदी या ¨हदी से अंग्रेजी अनुवाद की सुविधा तो गूगल पर उपलब्ध है। अगर भो ...और पढ़ें

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    भोजपुरी, मगही और मैथिली का ¨हदी में अनुवाद आसान

    वाराणसी : अंग्रेजी से ¨हदी या ¨हदी से अंग्रेजी अनुवाद की सुविधा तो गूगल पर उपलब्ध है। अगर भोजपुरी, मैथिली या मगही से ¨हदी में अनुवाद करना तो इस मामले में तो गूगल भी फेल हो जाएगा। पर आपको अधिक चिंतित होने की जरूरत नहीं है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) बीएचयू ने भोजपुरी, मैथिली व मगही बोलने वालों की इस परेशानी का समाधान किया है। जी हां, यहां की टीम ने ऐसा सिस्टम तैयार किया है जिसके जरिये इन तीनों बोलियों का आसानी से ¨हदी में अनुवाद किया जा सकता है। सोमवार को इस सिस्टम का लोकार्पण संस्थान के निदेशक प्रो. राजीव संगल ने किया। वाराणसी प्रोजेक्ट का है हिस्सा

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    प्रो.राजीव संगल ने इस मौके पर बताया कि आइआइटी बीएचयू के प्रोजेक्ट वाराणसी के तहत इस मशीन ट्रांसलेशन सिस्टम को लांच किया गया है। भोजपुरी, मैथिली व मगही बोलियों का इस्तेमाल सबसे अधिक लोग करते हैं। बताया कि इस मशीन अनुवाद सिस्टम का उद्देश्य ऐसे लोगों के लिए है जो अपनी भाषा से प्यार करते हैं। अपनी भाषा के प्रति सक्षमता देने के लिए इस सिस्टम को डेवलप किया गया है। बताया कि तकरीबन डेढ़ करोड़ की लागत से तीन वर्षो से चल रहे इस प्रोजेक्ट में आइआइटी बीएचयू के साथ आइआइआइटी हैदराबाद और बीएचयू के भाषा विज्ञान विभाग का महत्वपूर्ण सहयोग है। टीम में डा. स्वस्ति मिश्रा, डा. संयुक्ता घोष, डा. अनिल ठाकुर, प्रो. दीप्ति मिश्रा, राशिद अहमद, डा. संकेत कुमार पाठक आदि शामिल हैं। तीन चरणों में पूरा होता है ट्रांसलेशन

    प्रो. संगल ने बताया कि यह सिस्टम नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संपर्क फ्रेमवर्क पर बेस्ड है। बताया कि पूरी प्रकिया तीन चरणों में पूरी होती है। इसमें स्त्रोत भाषा के दिए गए इनपुट का पहले मशीन विश्लेषण करती है। उसके बाद यह डाटा टारगेट लैंग्वेज विश्लेषण के लिए ट्रांसफर हो जाता है जिसमें से शब्दों के अर्थ लिए जाते हैं जो सिस्टम में फीड हैं। इसके बाद मशीन आउटपुट के रूप में रिजल्ट देती है। यह रिजल्ट ¨हदी में होता है। सुधार की गुंजाइश

    प्रो. संगल ने बताया कि चूंकि भोजपुरी, मैथिली या मगही बोली का कोई निश्चित व्याकरण या शब्दकोश नहीं है इसलिए शुरुआती दौर में कुछ कमियां सामने आ रही हैं। हर दिन सुधार प्रक्रिया के तहत इसे जल्दी ही दूर कर लिया जाएगा। बताया कि कोई भी व्यक्ति यहां की वेबसाइट पर जाकर इस ट्रांसलेशन मशीन का इस्तेमाल कर सकता है। इसमें लोगों के सुझाव के लिए भी आप्शन है। इसके अलावा विभिन्न प्रचलित शब्दों को यहां पर दिया जा सकता है जिससे कि शब्दकोश समृद्ध होगा और ट्रांसलेशन के बेहतर परिणाम सामने आएंगे।