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    वाराणसी में अगले माह से वरुणा कॉरिडोर पर फर्राटा भरेगा ई-रिक्शा, कमिश्नर ने वीडीए को दिया निर्देश

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Fri, 12 Mar 2021 08:10 AM (IST)

    वरुणा नदी के किनारे ई-रिक्शा कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। इस पर अप्रैल माह से ई-रिक्शा का संचालन शुरू होने की उम्मीद है। कॉरिडोर पर दो पहिया वाहन भी चलाए जाएंगे। हालांकि यह निर्णय घातक हो सकता है। नक्खीघाट व शास्त्री घाट पर रैंप बनकर तैयार हो गया है।

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    वरुणा नदी के किनारे ई-रिक्शा का संचालन शुरू होने की उम्मीद है।

    वाराणसी, जेएनएन। वरुणा नदी के किनारे ई-रिक्शा कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। इस पर अप्रैल माह से ई-रिक्शा का संचालन शुरू होने की उम्मीद है। इस कॉरिडोर पर दो पहिया वाहन भी चलाए जाएंगे। हालांकि, यह निर्णय घातक हो सकता है। एक कॉरिडोर की सुंदरता को खतरा हो सकता है तो दूसरे वरुणापुल पर जाम की समस्या हो सकती है।

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    फिलहाल, कमिश्नर दीपक अग्रवाल के निर्देश के बाद इसको चालू करने के लिए जोर-शोर से तैयारी शुरू हो गई है। वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने कॉरिडोर में तेजी लाने के लिए गत दिनों निरीक्षण किया और हर हाल में अप्रैल में कॉरिडोर को चालू करने का टारगेट दिया है। उधर, कमिश्नर के निर्देश के बाद सिंचाई विभाग भी सक्रिय हो गया है। टूटी रेलिंग की मरम्मत कराने की प्लानिंग हुई है। वहीं, वीडीए ने नक्खी घाट, चौकाघाट व शास्त्री घाट पर रैंप की रेलिंग की पेंटिंग शुरू करा दी है। रास्तों में जहां-तहां उगे हुए घासों को साफ करने के लिए मजदूरों को लगा दिया गया है। उपाध्यक्ष ईशा दुहन का कहना है कि ई-रिक्शा कॉरिडोर में जहां-जहां लाईट खराब है उसे संबंधित विभाग की ओर से दुरुस्त कराया जा रहा है। नक्खीघाट व शास्त्री घाट पर रैंप बनकर तैयार हो गया है। करीब 105 लाख की परियोजना के पहले फेज का काम पूरा कर लिया गया है।

    विकास प्राधिकरण ने निविदा जारी की

    कमिश्नरी कंपाउंड में प्रस्तावित मंडलीय कार्यालय के निर्माण के लिए कंसलटेंट का चयन होना है। इसके लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण ने निविदा जारी की है। कंसलटेंट चयन के बाद इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि यहां दो टावर खड़े होंगे। पूरा निॢमत क्षेत्र 50 हजार वर्गमीटर का होगा। पहले टावर में बेसमेंट होगा और ग्राउंड फ्लोर के अलावा 16 मंजिल भवन बनेगा। 175 करोड़ की लागत से प्रस्तावित इस भवन में अलग-अलग जगहों पर संचालित हो रहे 45 सरकारी कार्यालय शिफ्ट होंगे। दूसरे टावर का कॉमर्शियल उपयोग होगा।